भास्कर न्यूज | महासमुंद जिले में इस बार धान खरीदी के बाद उसके उठाव की गति काफी धीमी है। अब तक जिले में 49 लाख 679 क्विंटल धान खरीदी हो चुकी है। जबकि उठाव मात्र 6 लाख 389 क्विंटल ही हो पाई है। जबकि पिछले साल इसी अवधि में इससे दोगुना यानी 12 लाख क्विंटल धान का उठाव हो चुका था। सोमवार को जिले में धान रखने की जगह नहीं होने के कारण तेंदूकोना, नर्रा और परसवानी में धान खरीदी नहीं हो पाई। इसकी वजह से किसानों को परेशानियों का सामना उठाना पड़ा। इसके पहले भी कोमाखान और मुनगासेन में भी धान खरीदी बंद रही। यहां धान रखने के लिए जगह ही नहीं बची। धान रखने स्टेक बनाने भूसा भी खत्म होने की बात सोसायटी प्रबंधकों ने कही। जिले में धान खरीदी के अनुपात में मात्र 13 फीसदी ही उठाव हो पाया है। राइस मिलर्स की हड़ताल की वजह से धान उठाव बुरी तरह प्रभावित रहा। खरीदी शुरू होने के पूरे एक माह बाद राइस मिलर्स ने धान उठाव शुरू किया। उनके हड़ताल खत्म होने के बाद उठाव तेज हुआ। अब तक राइस मिलर्स ने 3 लाख क्विंटल धान का उठाव कर लिया है। जबकि रायपुर की स्पीड कार्गो ठेका एजेंसी ने 4 लाख क्विंटल धान का उठाव कर पाया है। परिवहन ठेका एजेंसी धान उठाव के लिए 150 वाहनों की ही व्यवस्था कर पा रहा है। जबकि इससे दोगुना वाहनों की जरुरत है। नर्रा के सहकारी समिति के अध्यक्ष कलाराम साहू ने बताया कि उनके यहां 1517 पंजीकृत किसानों में से 650 किसानों ने 43 हजार 227 क्विंटल धान बेच दिया है। अभी 867 किसान बचे हैं। यहां धान रखने की क्षमता 14 हजार 444 क्विंटल है, लेकिन जबकि 43 हजार क्विंटल धान डंप है। मात्र 3 हजार क्विंटल उठाव हुआ है। इसकी वजह से धान खरीदी नहीं हो पाई। वहीं तुमगांव सोसायटी के प्रबंधक भारत निर्मलकर ने बताया कि उनके यहां धान रखने की क्षमता 10 हजार क्विंटल है लेकिन 20 हजार क्विंटल से अधिक धान डंप पड़ा है। तेंदूकोना में उठाव के लिए भेजी गाड़ी तब शुरू हुई धान खरीदी: धान उठाव न होने से परेशान तेंदूकोना सोसायटी ने सोमवार से धान खरीदी बंद करने की चेतावनी दी। सोमवार को धान उठाव के लिए ट्रकों की व्यवस्था की गई तब कहीं जाकर धान खरीदी शुरू हुई। सहकारी बैंक में धान खरीदी के नोडल अधिकारी अविनाश शर्मा ने बताया कि धान उठाव तेज नहीं होने के कारण जिले में 166 उपार्जन केंद्रों में बफर लिमिट पार हो चुका है। राइस मिलर्स ने धान खरीदी 9 दिन पहले ही धान उठाव शुरू किया। जिला विपणन अधिकारी टिकेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि रायपुर की एजेंसी स्पीड कार्गों को धान उठाव का ठेका दिया गया है। अभी डेढ़ सौ वाहनों से उठाव हो रहा है। ठेका एजेंसी को वाहनों की संख्या बढ़ाने कहा गया है। अब तक 6 लाख 389 क्विंटल धान का उठाव हो चुका है। यह कुल खरीदी का 13 फीसदी हिस्सा है। जिला राइस मिलर्स के अध्यक्ष पारस चोपड़ा ने बताया कि उन्हें पिछले वर्ष का उन्हें अब तक भुगतान नहीं हो पाया है। धान उठाव में पेनाल्टी समेत अन्य विषयों पर सहमति बनने के बाद 15 दिसंबर से धान उठाव शुरू कर चुके हैं। अब तक हमने 4 लाख क्विंटल धान का उठाव कर चुके हैं। जिला सहकारी समिति के अध्यक्ष जय प्रकाश साहू ने बताया कि उठाव की गति काफी धीमी है। यह स्पीड ऐसी ही रही तो धान खरीदी के अंतिम दिनों तक धान उठाव की समस्या बनी रहेगी। इस बार धान उठाव ही देरी से शुरू किया गया है। जिसकी वजह समस्या विकराल हो चुकी है।

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