रायपुर. प्रदेश में एक बार फिर आर्थिक अपराध से जुड़े दो ठगी के मामले सामने आए हैं। बिलासपुर में जहां एक ऑयल कंपनी के रिटायर मैनेजर से 52 लाख रुपए ठगे गए हैं, वहीं रायपुर में एक दंपति पर डाकघर की स्कीमें बताकर ठगने के आरोप हैं। ढाई से तीन करोड़ रुपए की हेराफेरी की गई है। ठगी के इन दोनों मामलों ने अफसरों को भी हैरानी में डाल दिया है। संयोग से दोनों मामलों का कहीं न कहीं बिलासपुर कनेक्शन निकला है। अब 420 का केस दर्ज कर पुलिस की ओर से छानबीन शुरू हुई है। लॉकडाउन के बाद अब तक दर्ज होने वाले ठगी के केस में यह बड़े मामले बताए गए हैं। बिलासपुर की वारदात में ठग ने रिटायर्ड इंडियन आयल कंपनी के कर्मचारी को जियो कंपनी का नोडल अधिकारी बनकर केवाईसी व नोटिफिकेशन पर रोक लगाने का झांसा दिया। फिर नेट बैंकिग से दो बार 10 रुपए का रीचार्ज कराने के बाद मोबाइल हैक किया। बाद में बैंक की ई-तिजोरी से एकमुस्त 52 लाख गायब कर दिए।
माेबाइल हैकिंग का सामने नया केस
सरकण्डा थाना पुलिस का कहना है कि राजकिशोर नगर निवासी नरेन्द्र कुमार स्वर्णकार से ठगी हुई। इंडियन आयल कारपोरेशन कंपनी से रिटायरमेंट के बाद उन्होंने अपनी पूंजी बैंक में जमा की थी। 1 जुलाई को उनके मोबाइल में अज्ञात नंबर से फोन आया। फोन के पीछे ठग ने खुद को नोडल अधिकारी बताकर झांसे में ले लिया। 10 रुपये के रीचार्ज पहुंचने के बहाने मोबाइल के पासवर्ड लेकर मैसेज ट्रांजेक्शन को हैक किया। इसके बाद खाते में सेंधमारी कर दी। मोबाइल हैक कर 1 से 4 जुलाई तक उनके दोनों बैंक खातों से 52 लाख रुपए ट्रांसर्फर कर आनलाइन ठगी कर ली।
डाकघर का भी बिलासपुर कनेक्शन
सरस्वती नगर रायपुर के थाने में भूपेंद्र पांडे और उनकी पत्नी आकांक्षा के नाम से प्राथमिक ठगी का केस बनाया गया है। दंपति का कनेक्शन भी बिलासपुर से सामने आया है। मालूम हुआ है आरोपित भूपेंद्र की अप्रैल में बिलासपुर में संदिग्ध हालत में मौत हो चुकी है। पुलिस अब आकांक्षा से पूछताछ की तैयारी में है। आरोप है, डाकघर में पैसा जमा कराने वर्ष 2002 में एजेंट बने। इस दौरान फर्जी पासबुक बनाकर 50 से ज्यादा लोगों से करीब ढाई करोड़ वसूले। डाकघर से निवेशकों का जब पैसा नहीं निकला, तब यह मामला फूटा।