जबलपुर. मध्य प्रदेश की संस्कारधानी जबलपुर के हाई प्रोफाइल सिविलियन जबलपुर क्लब में बिना अनुमति के शराब परोसी जा रही थी, इसकी सूचना आबकारी विभाग को लगी तो उन्होंने छापामार कार्रवाई की, लेकिन ये क्या इस कार्रवाई में पकड़ी गईं 7 बोतल शराब, लेकिन मौके पर 50 आबकारी अधिकारियों की फौज पहुंच गई. दरअसल शहर के संभ्रांत लोगों के मनोरंजन एवं कार्यक्रमों के लिए बनाए गए जबलपुर क्लब में बिना अनुमति और लाइसेंस के शराब पिलाई जा रही थी.

इसकी सूचना आबकारी विभाग को मिली, जिसके बाद कलेक्टर से परमिशन लेकर आबकारी विभाग के तकरीबन 50 आबकारी अधिकारी-कर्मचारियों ने साथ मिलकर क्लब में छापा मारा. हैरानी की बात ये है कि आबकारी अधिकारियों द्वारा मौके पर 7 बोतल शराब मिलने की जानकारी दी गई. आबकारी विभाग का ये बयान पूरी कार्यवाही को सवालों के घेरे में खड़ा कर रहा है. जानकारी के मुताबिक आबकारी विभाग के कुछ कर्मचारी पहले सूचना की पुष्टि करने के लिए क्लब पहुंचे थे और कुछ देर बाद ही आबकारी विभाग का बाकी दल अधिकारियों के साथ क्लब के अंदर दाखिल हो गया. इस बीच 5-6 कारें वहां से बाहर निकलीं जो सड़क पर पहुंचते ही तेज रफ्तार से गायब हो गईं.

ताला तोड़कर निकाली गईं 7 बोतल शराब
करीब 2 घंटे तक चली छानबीन के बाद जब आबकारी विभाग के प्रभारी जीएल मरावी मीडिया से मुखातिब हुए तो उनका कहना था कि क्लब के परिसर में एक टेबल पर दो लोग बैठकर शराब पी रहे थे, जो नियम विरुद्ध है. वहीं क्लब के अंदर लॉकर्स में ताला लगाकर शराब की 7 बोतलें रखी गई थीं, जिन्हें ताला तोड़कर बाहर निकाला गया. जिनमें से कुछ आधी खाली हो चुकी थीं.

बहरहाल आबकारी विभाग ने क्लब संचालक के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. वहीं दूसरी ओर क्लब में एक नेता की मौजूदगी भी कार्यवाही पर सवाल खड़े कर रही है. बताया जा रहा है कि नेता जी ने आबकारी विभाग और क्लब संचालकों के बीच तालमेल बनाकर इस छापे को मामूली कार्यवाही में तब्दील कर दिया. बहरहाल जबलपुर क्लब में हुई यह कार्यवाही अब चर्चाओं का विषय बनी हुई है. वहीं आबकारी विभाग द्वारा क्लब को सील कर दिया गया है.

 

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