छत्तीसगढ़ में 4 जगह पार्षद चुनाव से पहले ही जीत गए हैं। बिलासपुर नगर निगम चुनाव के मतदान से पहले ही भाजपा एक पार्षद चुन लिया गया है। वार्ड क्रमांक 13 के कांग्रेस उम्मीदवार ने नामांकन पत्र के साथ जाति प्रमाणपत्र ही प्रस्तुत नहीं किया। जिसके चलते निर्वाचन अधिकारी ने उसका नामांकन निरस्त कर दिया है। वहीं कोरबा जिले की कटघोरा नगर पालिका परिषद के 2 वार्डों में भाजपा जीत का जश्न मना रही है। वार्ड 13 में भाजपा प्रत्याशी का एकमात्र नामांकन दाखिल हुआ है, जबकि कांग्रेस प्रत्याशी ने नामांकन दाखिल नहीं किया। वहीं वार्ड 18 में कांग्रेस ने बुधवार को नामांकन वापस ले लिया। इसके अलावा दुर्ग में वार्ड नंबर 21 की कांग्रेस प्रत्याशी मीरा सिंह ने नाम वापसी के दिन अपना नामांकन वापस ले लिया, जिससे वार्ड नंबर 21 की भाजपा प्रत्याशी विद्यावती सिंह निर्विरोध पार्षद निर्वाचित हो गई हैं। इस वार्ड से बीजेपी और कांग्रेस के प्रत्याशियों के अलावा किसी भी प्रत्याशी ने नामांकन नहीं भरा था। ओबीसी सीट से नामांकन दाखिल हुआ था बिलासपुर की बात करें तो वार्ड 13 से भाजपा पार्षद रमेश पटेल का निर्विरोध निर्वाचन तय हो गया है। इधर, कांग्रेस ने जाति प्रमाणपत्र प्रस्तुत नहीं करने वाले उम्मीदवार श्याम पटेल को 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया है। दरअसल, नगर निगम के मंगला स्थित वार्ड क्रमांक 13 दीनदयाल नगर में कांग्रेस ने श्याम पटेल को प्रत्याशी बनाया था। जिन्होंने ओबीसी सीट से अपना नामांकन दाखिल किया था। लेकिन, कांग्रेस प्रत्याशी श्याम पटेल ने नामांकन पत्र के साथ अपनी जाति प्रमाणपत्र प्रस्तुत नहीं किया था। इस पर भाजपा के प्रत्याशी रमेश पटेल ने आपत्ति दर्ज कराई। इसी तरह इस वार्ड से आम आदमी पार्टी के पार्षद प्रत्याशी नर्मदा पटेल ने भी नामांकन जमा किया था। बुधवार को स्क्रूटनी के दौरान जिला निर्वाचन अधिकारी ने दोनों के नामांकन को खारिज कर दिया। इसके बाद अब वार्ड में भाजपा प्रत्याशी रमेश पटेल के अलावा कोई प्रत्याशी नहीं रह गया है। ऐसे में उसका निर्विरोध निर्वाचन तय हो गया है। विधायक शुक्ला ने कहा- कांग्रेस के पास कार्यकर्ता नहीं एक पार्षद के निर्विरोध निर्वाचन की खबर से भाजपा में उत्साह का माहौल है। बेलतरा विधायक सुशांत शुक्ला ने इसे भाजपा का विजय द्वार बताते हुए कहा कि बिलासपुर नगर निगम में पिछले पांच वर्षों के भ्रष्टाचारी नेताओं के लिए इस बार पार्षद प्रत्याशी के लिए कार्यकर्ता खोजना मुश्किल था। यही वजह है कि हड़बड़ी में वे अपने प्रत्याशी से जरूरी दस्तावेज भी पूरा नहीं करा पाए। बिलासपुर निगम में 30 से 35 कांग्रेस प्रत्याशी ऐसे हैं, जो जबरिया चुनाव मैदान में धकेल दिए गए हैं। वहीं जिलाध्यक्ष दीपक सिंह ने कहा कि यह अप्रत्याशित घटनाक्रम कांग्रेस की नाकामियों को उजागर करती है। आज प्रमुख विपक्षी पार्टी के पास कोई रणनीति नहीं है। आपसी कलह और हार की निराशा से घिरे हुए कांग्रेस नेता टिकट बांटने के पूर्व उनकी योग्यता पर भी विचार नहीं कर सके। 6 प्रत्याशियों का नामांकन निरस्त बुधवार को बिलासपुर के निर्वाचन कार्यालय में महापौर और पार्षद पदों के लिए भरे गए नामांकन पत्रों की जांच की गई। जांच के बाद विभिन्न कारणों से पार्षद पद के 6 नाम निर्देशन पत्र निरस्त किए गए। राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से नियुक्त प्रेक्षक विनीत नंदनवार की मौजूदगी में नामांकन पत्रों की जांच की गई। निरस्त किए गए नाम निर्देशन पत्रों में वार्ड क्रमांक 13 से नर्मदा पटेल एवं श्याम पटेल, वार्ड 51 से राजकुमार साहू, वार्ड 52 से अनिता पाटिल, वार्ड 55 से शबनम बेगम एवं वार्ड 68 से मीनाक्षी पटेल शामिल हैं। श्याम पटेल व नर्मदा पटेल के अलावा चार प्रत्याशियों का नामांकन पत्र अपूर्ण रूप से भरे होने के कारण अस्वीकृत किया गया है। नाम वापसी के बाद नजर आएंगे बागी उम्मीदवार
चुनाव आयोग के तय कार्यक्रम के अनुसार 31 जनवरी की दोपहर तीन बजे तक नामांकन वापसी का समय है। इस दौरान कांग्रेस-भाजपा के बागियों को मनाने और नामांकन वापस लेने के लिए मनाने का दौर चलेगा। जिसके बाद चुनाव चिन्ह आवंटित कर प्रत्याशियों की अंतिम सूची जारी की जाएगी। इसके बाद ही कांग्रेस के साथ ही भाजपा के बागी उम्मीदवार नजर आएंगे। बीजेपी के साथ सेटिंग की चर्चा वार्ड 13 के कांग्रेस प्रत्याशी का नामांकन निरस्त होने से यह तो बात सामने आ गई है कि नामांकन भरने में कांग्रेसियों ने गंभीरता नहीं दिखाई है। इससे कांग्रेस पदाधिकारियों की फजीहत भी हो रही है। यह भी चर्चा है कि कि बीजेपी के बड़े नेता से सेटिंग कर जानबूझ कर ऐसा किया गया है, जिसके कारण प्रत्याशी ने नामांकन पत्र के साथ अपनी जाति प्रमाणपत्र प्रस्तुत नहीं किया। कांग्रेस ने श्याम पटेल को 6 साल के लिया किया निष्कासित पार्षद पद के प्रत्याशी श्याम पटेल का नामांकन निरस्त होने के बाद कांग्रेस नेताओं की जमकर किरकिरी हो रही है। इसे संगठन की नाकामी के रूप में देखा जा रहा है। इधर, नामांकन खारिज होने के बाद कांग्रेस ने पूर्व पार्षद श्याम पटेल को 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया है। उस पर आरोप है कि नामांकन में ओबीसी प्रमाण पत्र जमा नहीं करना पार्टी विरोधी गतिविधि की श्रेणी में आता है। यह भी आरोप है कि श्याम पटेल ने बीजेपी को सीधा लाभ पहुंचाने के लिए जानबूझकर ऐसा किया है। यही वजह है कि जिलाध्यक्ष विजय केशरवानी ने पत्र जारी कर उसे छह साल के लिए निष्कासित कर दिया है। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है। कटघोरा में भाजपा मना रही जीत का जश्न कटघोरा नगर पालिका परिषद की बात करें तो 2 वार्डों में भाजपा जीत का जश्न मना रही है। दरअसल, वार्ड 13 में कांग्रेस प्रत्याशी ने नामांकन दाखिल नहीं किया। वहीं वार्ड 18 में कांग्रेस ने बुधवार को नामांकन वापस ले लिया। वार्ड नंबर 18 कोहड़िया वार्ड से नरेंद्र देवांगन खड़े हैं। इनके खिलाफ कांग्रेस प्रत्याशी हरीश कुमार ने नामांकन वापस ले लिया। वहीं वार्ड 13 जुराली से BJP प्रत्याशी शिवमती नीतू पटेल का एकमात्र नामांकन दाखिल हुआ है, जबकि कांग्रेस की घोषित प्रत्याशी सीता पटेल ने नामांकन ही नहीं भरा। दोनों के बीच मामी-भांजी का रिश्ता बता दें कि जुराली वार्ड में दोनों प्रत्याशियों के बीच मामी-भांजी का रिश्ता है। सीता पटेल ने राजनीति के बजाय पारिवारिक रिश्ते को प्राथमिकता दी और नामांकन दाखिल नहीं किया। इस स्थिति में भाजपा प्रत्याशी का निर्विरोध पार्षद निर्वाचित होना तय माना जा रहा है। कांग्रेस प्रत्याशी ने नाम वापस लिया कोहड़िया वार्ड से बीजेपी प्रत्याशी नरेंद्र देवांगन जो कि मंत्री लखनलाल देवांगन के भाई हैं। कांग्रेस कैंडिडेट हरीश कुमार के नाम वापस लेते ही भाजपाइयों ने जश्न मनाया। आधिकारिक घोषणा बाकी रिटर्निंग ऑफिसर रोहित सिंह के अनुसार, 31 जनवरी तक नाम वापसी की प्रक्रिया चलेगी और नियमानुसार इसका इंतजार करना होगा। आधिकारिक घोषणा 15 फरवरी को मतगणना के दिन की जाएगी। ……………………………………. छत्तीसगढ़ निकाय चुनाव से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… 7 निगमों में कांग्रेस में बगावत, BJP में विरोध कम: कांग्रेस के मेयर-पार्षद दावेदार कर रहे विरोध, देखिए कौन कहां से बागी; किसने छोड़ी पार्टी छत्तीसगढ़ में मेयर, पार्षद, अध्यक्ष के लिए प्रत्याशी घोषित होते ही कांग्रेस-बीजेपी में दावेदारों ने बगावती तेवर अपना लिए हैं। कांग्रेस में सबसे ज्यादा नाराजगी दिख रही है। इनमें रायपुर, बिलासपुर, अंबिकापुर समेत 7 नगर निगम में कांग्रेस के मेयर-पार्षद दावेदार खुलकर विरोध कर रहे हैं, जबकि, बीजेपी में कुछ जगहों पर ही विरोध है। पढ़ें पूरी खबर…
