टी-20 को बल्लेबाजों का खेल माना जाता है। लंबे-लंबे सिक्स और दनदनाती बाउंड्री इस फॉर्मेट की पहचान रही है। गेंदबाजों के पास मार्जिन ऑफ एरर काफी कम होता है। इसलिए ऐसा कहा जाता रहा है कि मजबूत बल्लेबाजी वाली टीम टी-20 क्रिकेट में जीत की ज्यादा दावेदार होती हैं। हालांकि, यह IPL इस ट्रेंड को बदलने वाला साबित हो रहा है। पॉइंट्स टेबल में नंबर 1 पर चल रही राजस्थान रॉयल्स टॉस हारकर लगातार 3 बार गेंदबाजों के दम पर स्कोर डिफेंड कर चुकी है।
इस बार वैसी टीमें अच्छा परफॉर्म कर रही हैं जिनकी गेंदबाजी में भी दम हो। खास तौर पर उन टीमों का प्रदर्शन तो लाजवाब रहा है जिनके पास 145/kmph से ज्यादा रफ्तार वाले फास्ट बॉलर और मिडिल ओवर्स में विकेट चटकाने वाले रिस्ट स्पिनर्स हैं।
IPL-2022 का सफर आधा बीत चुका है और पॉइंट्स टेबल पर नजर डालेंगे तो ऊपर कही बातों की तस्दीक हो जाती है। राजस्थान सीजन वन के बाद पहली बार चैंपियन टीम की तरह खेल रही है। इसके पीछे भी बॉलर्स की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है। ट्रेंट बोल्ट और प्रसिद्ध कृष्णा तेज गति से गेंदबाजी कर रहे हैं।
लगभग हर सीजन में 500 से अधिक रन जड़ने वाले केएल राहुल को मुकाबले की पहली गेंद पर बोल्ड कर ट्रेंट बोल्ट ने अपनी अहमियत साबित की है। मुंबई इंडियंस की टीम का अभिन्न अंग रहे बोल्ट अब राजस्थान को मैच जिता रहे हैं। उनकी गेंदें लगातार 145/kmph की रफ्तार छू रही हैं। रिस्ट स्पिनर के रूप में युजवेंद्र चहल प्रतियोगिता में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं। अगर किसी मुकाबले में RR की बल्लेबाजी नहीं चल रही है, तो गेंदबाजों ने ओस के रहते हुए भी स्कोर को डिफेंड करके दिखाया है।
नंबर-2 पर चल रही टीम गुजरात टाइटंस की बात करते हैं। गुजरात के पास लॉकी फर्ग्यूसन के रूप में 150/kmph स्पीड निकालने वाला गेंदबाज है। इस सीजन उनकी सबसे तेज गेंद 153.9/kmph की रफ्तार से फेंकी गई है। मोहम्मद शमी और अल्जारी जोसेफ भी बेहतरीन गति से बॉलिंग कर रहे हैं। युवा यश दयाल भी अच्छा-खासा प्रभावित कर रहे हैं।
दूसरी ओर टीम के पास राशिद खान के रूप में वर्ल्ड क्लास रिस्ट स्पिनर है। राशिद खान IPL में अपने 100 विकेट पूरे कर चुके हैं। राशिद को लंबे अरसे से खेलते आ रहे बल्लेबाज भी उनके खिलाफ बड़े शॉट्स नहीं लगा पा रहे। दुनिया के बेस्ट स्पिनर के साथ लॉकी फर्ग्यूसन की जोड़ी की बदौलत गुजरात की टीम लगातार टॉप-4 में बनी हुई है।
तीसरे नंबर पर मौजूद सनराइजर्स हैदराबाद के पास भी बेहतरीन पेस अटैक है। उमरान मलिक इस IPL के सबसे तेज गेंदबाज साबित हुए हैं। वे लगातार 145 किलोमीटर प्रति घंटे से ज्यादा की स्पीड से गेंद डाल रहे हैं। उनकी हर तीसरी गेंद 150/kmph का बैरियर भी पार कर रही है। साउथ अफ्रीकी तेज गेंदबाज मार्को येन्सन अपनी स्विंग और उछाल से विपक्षी बल्लेबाजों का जीना मुहाल किए हुए हैं।
टी. नटराजन के यॉर्कर भी बल्लेबाजों के लिए परेशानी का सबब बने हुए हैं। भुवनेश्वर कुमार के पास भले ही पेस कम है, लेकिन उनकी स्विंग अपना असर दिखा रही है। सटीक लाइन-लेंथ के बलबूते पर भुवी बड़े-बड़े बल्लेबाजों पर भारी पड़ रहे हैं। टीम के पास नामी रिस्ट स्पिनर तो नहीं है, लेकिन उसके फास्ट बॉलर्स ही जीत दिलाने के लिए काफी साबित हो रहे हैं।
दुष्मंथा चमीरा और रवि बिश्नोई लखनऊ को जिता रहे हैं मुकाबले
लखनऊ सुपर जायंट्स की बात करें तो इस टीम की जीत में भी गेंदबाजों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। तेज गेंदबाज दुष्मंथा चमीरा और मोहसिन खान अच्छी स्पीड से बॉलिंग कर रहे हैं। मुंबई इंडियंस जैसी बड़ी टीम के खिलाफ भी चमीरा ने 4 ओवर्स में केवल 14 रन दिए। 6 फीट का यह गेंदबाज 145/kmph की स्पीड के साथ ही राउंड आर्म एक्शन की वजह से खतरनाक साबित हो रहा है। यह गति का ही परिणाम है कि दिग्गज बल्लेबाज भी उनके खिलाफ बड़े शॉट नहीं खेल पा रहे।
रिस्ट स्पिनर रवि बिश्नोई अपनी वेरिएशन से लगातार बल्लेबाजों को परेशान करने में सफल हो रहे हैं। लखनऊ की गेंदबाजी को टीम की कमजोर कड़ी माना जा रहा था लेकिन सीजन शुरु होने के बाद उसमें बड़ा बदलाव नजर आया है। इंडियन टी-20 टीम का हिस्सा बनने के बाद बिश्नोई की गेंदबाजी में काफी सुधार हुआ है। उसका फायदा लखनऊ सुपर जायंट्स को मिल रहा है।
एक्सप्रेस स्पीड वाले बॉलर्स की कमी चेन्नई और मुंबई पर पड़ी भारी
बॉटम 2 में मौजूद मुंबई और चेन्नई विकेट चटकाने वाले गेंदबाजों की कमी से जूझ रही हैं। बुमराह पहले की तरह तेज गति से सटीक यॉर्कर नहीं कर पा रहे। दूसरे छोर से सहयोग न मिल पाने का असर भी उनके प्रदर्शन पर पड़ा है। अगर जोफ्रा आर्चर इस सीजन उपलब्ध होते तो बात और होती।
चेन्नई दीपक चाहर के बाहर होने के बाद से स्ट्राइक बॉलर को लेकर परेशानियों से घिरी हुई है। क्रिस जॉर्डन की गेंदों पर राशिद खान भी एक ओवर में 25 रन जड़कर मुकाबले का रुख बदल रहे हैं। 145kmph+ की स्पीड से गेंदबाजी करने वाले बॉलर्स का अभाव चेन्नई के खराब प्रदर्शन की सबसे बड़ी वजह बनकर सामने आया है।