वॉशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि अमेरिका ईराक में अपना कॉम्बैट मिशन इस साल के अंत तक खत्म कर देगा। राष्ट्रपति बाइडेन की यह घोषणा अमेरिकी नीतियों में एक बड़े बदलाव की ओर शिफ्ट करने के संकेत करी तुलना में जमीनी वास्तविकता को ज्यादा दर्शाती है। बाइडेन के राष्ट्रपति पद संभालने से पहले ही अमेरिकी फोर्स का मुख्य फोकस ईराकी फोर्स की सहायता करना था। अमेरिकी सेना उनकी ओर से लड़ नहीं रही थी।हालांकि बाइडेन ने यह नहीं बताया कि ईराक में अमेरिकी सैनिकों की संख्या कम करने की उनकी कोई योजना है या नहीं। फिलहाल ईराक में अमेरिका के 2,500 सैनिक हैं। अमेरिका की ओर से यह ऐलान ऐसे समय में किया गया है जब वह अफगानिस्तान से करीब 20 साल के बाद अपने सैनिकों को पूरी तरह से वापस हटा रहा है। सितंबर 2001 में अमेरिका पर हुए आतंकी हमलों के बाद अमेरिका ने अफगानिस्तान में अलकायदा के खिलाफ युद्ध शुरू किया था।
इराक के प्रधानमंत्री मुस्तफा अल-काजिमी के साथ ओवल कार्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन में बाइडन ने कहा कि उनका प्रशासन इराक के साथ साझेदारी को लेकर प्रतिबद्ध है। यह एक ऐसा रिश्ता जो ईरानी समर्थित इराकी मिलिशिया समूहों द्वारा तेजी से जटिल हो गया है। मिलिशिया चाहते हैं कि अमेरकी बल इराक से तुरंत बाहर निकल जाए और समय-समय पर अमेरिकी सैनिकों के ठिकानों पर हमला करते रहे हैं।
बाइडन ने कहा, ‘‘ आईएसआईएस के खिलाफ हमारी साझा लड़ाई क्षेत्र की स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है और हमारा आतंकवाद विरोधी अभियान जारी रहेगा, भले ही हम इस नए चरण में जाने वाले हैं, जिसके बारे में हम बात करेंगे।’’ राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘ हम साल के अंत तक लड़ाकू अभियान का हिस्सा नहीं होंगे।’’ व्हाइट हाउस प्रेस सचिव जेन साकी ने कोई जानकारी नहीं दी कि साल अंत तक इराक में उनके कितने सैनिक होंगे। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आखिरी बार सैनिकों की संख्या कम करने के बाद से ही इराक में 2500 अमेरिकी सैनिक मौजूद हैं। उस समय इराक में 3000 सैनिक थे।

 

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