लखनऊ। उत्तर प्रदेश पुलिस के आतंकवाद रोधी दल ने एक ऐसे गिरोह का भांडाफोड़ किया है जो बांग्लादेशी और रोहिंग्याओं को अवैध तरीके से भारत में घुसाता था। यह गिरोह खासकर बांग्लादेशी तथा रोहिंग्या महिलाओं और बच्चों को भारत लाकर उनके फर्जी दस्तावेज बनाता था और दिल्ली, नोएडा तथा गाजियाबाद में बसाता था।

पुलिस विभाग द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि UP ATS को विगत कुछ समय से जानकारी मिल रही थी कि एक अंतर्राष्ट्रीय गिरोह बांग्लादेश और म्यामार के नागरिकों को, विशेष रूप से महिलाओं और बच्चों को अवैध रूप से भारत में लाकर उन्हें विभिन्न राज्यों एवं एनसीआर क्षेत्र- नोएडा, गाजियाबाद, दिल्ली में बसाता है।

प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि सूचना की जांच करने पर पता चला कि अंतर्राष्ट्रीय मानव तस्करी के इस गिरोह का सरगना मुहम्मद नूर उर्फ नूरुल इस्लाम है, जो रोहिंग्या और बांग्लादेशी महिलाओं को शादी, तथा पुरुषों व बच्चों को फैक्ट्रियों में काम करने जैसे प्रलोभन देकर अवैध रूप से भारत में लाकर उन्हें कूट रचित प्रपत्रों के आधार पर भारत में बसाता है।

यह गिरोह शादी कराने तथा बेहतर जिंदगी मुहैया कराने का झांसा देकर उन्हें असामाजिक तत्वों के हाथों बेच देता है। पुलिस द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, इस कार्य के बदले में ये मानव तस्कर पीड़ित व्यक्तियों, महिलाओं और बच्चो का आर्थिक, शारीरिक तथा मानसिक शोषण करते हैं।

यह बात भी प्रकाश में आयी कि तस्कर इस कार्य से बड़ी मात्रा में धन अर्जित कर रहे हैं और आपस में इस अवैध धन का आदान-प्रदान भी कर रहे हैं। निगरानी से पता चला है कि नूर मुहम्मद कुछ रोहिंग्या और बंगलादेशी नागरिकों के साथ ट्रेन (ब्रह्मपुत्र मेल) से दिल्ली जा रहा है, जिसपर UP ATS की टीम ने 5 व्यक्तियों को उत्तर प्रदेश के गाज़ियाबाद में ट्रेन से उतारकर पूछताछ की गयी।पुलिस के अनुसार, गिरोह के सरगना ने बताया कि उनका एक साथी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर उनसे मिलने आने वाला है, जिस सूचना पर उस व्यक्ति को दिल्ली रेलवे स्टेशन से हिरासत में लेकर सभी 6 व्यक्तियों को एटीएस मुख्यालय, लखनऊ लाकर विस्तृत पूछताछ की गई। पूछताछ के उपरान्त इस गिरोह में संलिप्त 3 व्यक्तियों- मोहम्मद नूर उर्फ नूरुल, रहमत उल्लाह और शबीउल्लाह को गिरफ्तार कर लिया गया और एक नामित अभियुक्त की तलाश हेतु टीम का गठन किया गया।

 

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