Sawan 2021: चंद्रमा और गंगा को अपने शीश में धारण करने वाले, गले में सर्पों की माला और तन पर भस्म का श्रृगांर करने वाले भगवान शिव का प्रिय माह सावन चल रहा है। इस माह में श्रद्धा और आस्था से जो भी भगवान शिव का पूजन करता है, शिव जी उस पर अवश्य कृपा करते हैं। भगवान शिव अति शीघ्र प्रसन्न होने वाले आशुतोष और अवघड़दानी हैं, वो तो केवल श्रद्धाभाव से जल अर्पण करने मात्र से प्रसन्न हो जाते हैं। लेकिन सावन के महीने में भगवान शिव से मनवांछिल फल प्राप्त करने के लिए अलग-अलग तरह के पुष्प चढ़ाने का विधान है। आइए जानते हैं इसके बारे में….
भगवान शिव को सावन के महीने में हरसिंगार के फूल अर्पित करने से व्यक्ति को सुख- संपत्ति की प्राप्ति होती है। उसके जीवन की सभी बाधाओं और दुखों का नाश होता है।
दूर्वा
दूर्वा भगवना गणेश को प्रिय है, गणेश जी के किसी भी पूजन में दूर्वा जरूर चढ़ाई जाती है। लेकिन सावन के महीने में शंकर जी दूर्वा चढ़ाने से व्यक्ति निरोगी रहता है और लंबी आयु प्राप्त करता है।
कमल
सावन के महीने में भगवान शिव से धन-वैभव प्राप्त करने के लिए कमल का फूल चढ़ाना चाहिए। भगवान शिव के महामायाधर रूप का पूजन कमल के पुष्प से किया जाता है। ऐसा करने से मां लक्ष्मी की कृपा होती है और धन- संपदा का आशीर्वाद देती हैं।
बेला और चमेली
जिन लोगों के विवाह में बाधा आरही है या फिर वैवाहिक जीवन में किसी तरह की दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है, उन्हें सावन भर भगवान शिव को बेला या चमेली के सुगंधित फूल चढ़ाने चाहिए। चमेली का फूल चढ़ाने से वाहन प्राप्त करने का भी योग बनता है।
मदार और धतूरा
मदार और धतूरे के फल और फूल प्रकृति में विषैले होते हैं लेकिन भगवान शिव को अत्यंत प्रिय हैं। इनका वर्णन शिव पुराण में भी मिलता है। शंकर जी को मदार का फूल चढ़ाने से नेत्र संबंधी विकार दूर हो जाते हैं और धतूरे अर्पण करने से सांप, बिच्छू आदि विषैले जीवों का डर नहीं रहता है।
बेल पत्र
शिव पुराण के अनुसार बेल पत्र के वृक्षों की उत्पत्ति माता पार्वती के पसीने से हुई थी। इसलिए ही बेल पत्र भगवान शिव को सबसे प्रिय है। मान्यता है कि सावन के महीने में शिव जी को बेलपत्र अर्पित करने से मनवांछित फल की प्राप्ति होती है।