हमारे जीवन में कई तरह की समस्याएं हैं, जो समय-समय पर व्यक्ति को अपना शिकार बना लेती हैं। इसमें छोटी से लेकर कई बड़ी परेशानियां शामिल हैं। हालांकि, हम अपने खानपान में सुधार करके, एक अच्छी दिनचर्या का पालन करके, सुबह जल्दी उठकर, रात को समय पर सो कर, व्यायाम करके आदि तरीकों से खुद को स्वस्थ रख सकते हैं। बावजूद इसके कुछ ऐसी समस्याएं होती हैं जो हमें अपनी चपेट में ले ही लेती हैं। जैसे- फुंसी होना, दाद की समस्या, सिरदर्द होना या फिर बवासीर आदि। हम इसके लिए कई उपाय करते हैं और कई तरह की दवाओं का भी सेवन करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं इन सब परेशानियों को दूर करने में आपकी मदद एक पीले कलर का फूल भी कर सकता है?
आयुर्वेद में कनेर के पौधे को काफी फायदेमंद माना जाता है। इसका फूल, पत्तियां और जड़ तक काफी काम की होती हैं।
फोड़े-फुंसियां:
कनेर के लाल फूलों को पीसकर लेप बना लें और यह लेप फोड़े-फुंसियों पर दिन में 2 से 3 बार लगाएं। इससे फोड़े-फुंसियां जल्दी ठीक हो जाते हैं।
बवासीर:
कनेर और नीम के पत्ते को एक साथ पीसकर लेप बना लें। इस लेप को बवासीर के मस्सों पर प्रतिदिन 2 से 3 बार लगाएं। इससे बवासीर के मस्से सूखकर झड़ जाते हैं।
कनेर की जड़ को ठंडे पानी के साथ पीसकर दस्त के समय जो अर्श (बवासीर) बाहर निकल आते हैं उन पर लगाएं। इससे बवासीर रोग ठीक होता है।
दाद:
कनेर की जड़ को सिरके में पीसकर दाद पर 2 से 3 बार नियमित लगाने से दाद रोग ठीक होता है।
कनेर के पत्ते, आंवला का रस, गंधक, सरसों का तेल और मिट्टी के तेल को मिलाकर मलहम बना लें। इस मलहम को दाद पर लगाने से दाद खत्म होता है।
जोड़ों का दर्द:
लाल कनेर के पत्तों को पीसकर तेल में मिलाकर लेप बना लें और इस लेप को जोड़ों पर लगाएं। इसे लेप को सुबह-शाम जोड़ों पर लगाने से दर्द में आराम मिलता है।