केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मध्यप्रदेश की सीमा से लगे छत्तीसगढ़ के मुंगेली ज़िले को भी माओवाद प्रभावित ज़िलों में शामिल कर लिया है. केंद्र सरकार की सिक्योरिटी रिलेटेड एक्सपेंडिचर यानी सुरक्षा संबंधी व्यय योजना में मुंगेली ज़िला पहली बार शामिल किया गया है.
मध्य भारत में टाइगर रिज़र्व और अभ्यारण, अब माओवादियों के सुरक्षित ठिकाने बनते जा रहे हैं. जंगल के एक इलाक़े से जुड़े हुए दूसरे इलाक़ों में आने-जाने के लिए माओवादी पहले भी टाइगर रिज़र्व औरअभ्यारणों का इस्तेमाल करते रहे हैं लेकिन अब वो इन जंगलों में अपने संगठन का विस्तार कर रहे हैं.
बिलासपुर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक रतन लाल डांगी ने बीबीसी से कहा, “अचानकमार से लगे हुए सीमावर्ती इलाक़े में माओवादियों की सक्रियता की ख़बरें आती रहती हैं. अचानकमार के इलाक़े में हथियारबंद माओवादियों का कोई समूह घूम रहा हो, ऐसी कोई जानकारी सामने नहीं आई है लेकिन कई बार माओवादी बिना हथियार के भी अपना मूवमेंट जारी रखते हैं, ऐसे में अचानकमार में उनकी उपस्थिति नहीं है, ऐसा भी नहीं कहा जा सकता.”