दक्षिण-पूर्व एशियाई देश म्यांमार, कंबोडिया, फिलीपींस और थाईलैंड में अजीबोगरीब ट्रेंड चल रहा है। वहां भारत से विजिटर वीजा पर जाने वालों को गुलाम बनाकर उनसे ऑनलाइन ठगी कराई जा रही है। उन्हें साइबर गुलाम (साइबर स्लेवरी) बनाने के लिए उन देशों के ठग गैंग उनका पासपोर्ट-वीजा जब्त कर रहे हैं। केंद्रीय गृहमंत्रालय ने छत्तीसगढ़ के 17 लोगों की सूची भेजी है। इनमें रायपुर के 5 और दुर्ग-भिलाई के 7 हैं। पुलिस का दावा है कि इनमें 14 से संपर्क कर लिया गया है। एक ही परिवार के तीन लोग कहां हैं? इस पर सस्पेंस है। भास्कर ने पड़ताल के दौरान 14 लोगों से संपर्क किया। इनमें से केवल 3 से ही बात हो सकी। बाकी के लोकेशन के बारे में पुलिस भी पुख्ता तौर पर कुछ नहीं बता रही है। साइबर गुलामी का खुलासा केंद्र सरकार की चिट्ठी से हुआ है। गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को चिट्ठी जारी की थी। केंद्र के गृह विभाग ने राज्य की पुलिस से मांगी इनकी जानकारी ये परिवार कहां, किसी को नहीं मालूम
पुलिस अब तक भिलाई निवासी रजिंद्र कौर से संपर्क नहीं कर पाई है। रजिंद्र कौर 2023 में थाईलैंड गए थे। उसके बाद से लौटे नहीं है। भास्कर उनके घर तक गई। वहां ताला लगा हुआ है। रजिंद्र के छोटे भाई ने बताया कि उन्हें जानकारी नहीं है कि भैया-भाभी कहां है। पुलिस वाले तलाश करते हुए आए थे, फिर लौट गए। वे यहां से जाने के बाद कभी लौटकर नहीं आएं। रायपुर 5 लोगों के पते ही बदल गए
राजधानी से पिछले दो साल के दौरान कंबोडिया और थाईलैंड जाने वालों के पते ही बदल गए। भास्कर ने पांचों से संपर्क करने का प्रयास किया लेकिन नहीं हुआ। वीजा में उन्होंने जो मोबाइल नंबर दिया था या तो वो बंद है या किसी दूसरे को अलॉट हो गया है। इस वजह से पुलिस के दावे को लेकर संशय है। केंद्र सरकार से चिट्ठी आई थी। यह गोपनीय हैं। इनके संबंध में जानकारी नहीं दी जा सकती थी। इतना बता सकते हैं कि सभी से संपर्क हो गया है।
प्रदीप गुप्ता, एडीजी तकनीकी सेवा

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