बलौदाबाजार जिले में पिछले साल जून में हुई हिंसा मामले में हाईकोर्ट ने 14 आरोपियों को जमानत दे दी है। यह फैसला सुप्रीम कोर्ट द्वारा नारायण मिरी को दी गई जमानत के आधार पर लिया गया। 10 जून 2024 की घटना में उग्र प्रदर्शनकारियों ने जिला कार्यालय और एसपी कार्यालय में जमकर तोड़फोड़ और आगजनी की थी। इस हिंसक घटना में सरकारी संपत्तियों को 12.53 करोड़ रुपए का भारी नुकसान पहुंचा था। 187 लोगों हुए थे गिरफ्तार प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए 43 मामलों में 187 लोगों को गिरफ्तार किया था। मामले में पहले निचली अदालत ने आरोपियों की जमानत याचिकाएं खारिज कर दी थीं। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट से एक आरोपी नारायण मिरी को जमानत मिली। आरोपियों ने खटखटाया हाईकोर्ट का दरवाजा इसी आधार पर अन्य आरोपियों के वकीलों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को न्यायिक दृष्टांत बताते हुए अपने मुवक्किलों की रिहाई की मांग की, जिसे हाईकोर्ट ने स्वीकार कर लिया। रिहाई की मांग पूरी हुई हिंसा में विभिन्न समुदायों और संगठनों के प्रदर्शनकारी शामिल थे। गिरफ्तारी के बाद से ही आरोपियों के परिजन और वकील लगातार उनकी रिहाई की मांग कर रहे थे, जो अब जाकर पूरी हुई है। अब आगे क्या? याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता हर्षवर्धन परगनिया ने इस फैसले की पुष्टि की है। अब अन्य आरोपियों की ओर से भी जमानत के लिए अदालत में अर्जी दाखिल करने की संभावना है। पुलिस और प्रशासन इस मामले में आगे की कार्रवाई कर रहे हैं। जिन लोगों को जमानत दी गई है, उनमें शामिल है

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