11 साल के यश का नौवीं कक्षा में एडमिशन होने जा रहा है। यूपी बोर्ड ने इसकी खास इजाजत दी है। यश का आईक्‍यू टेस्‍ट कराने के बाद DIOS ने रिपोर्ट भेजी और शिक्षा निदेशक ने भी आदेश दे दिया।

उम्र और बुद्धिमत्ता में हमेशा कोई संबंध हो, यह जरूरी नहीं। कानपुर का यश ऐसे अपवादों में से एक है। मनोवैज्ञानिकों की जांच में 11 साल के यशवर्धन सिंह ‘यश’ का आईक्यू स्तर उम्र से ज्यादा पाया गया है। इस रिपोर्ट के आधार पर परिजनों ने सातवीं कक्षा में पढ़ रहे यश को सीधे नौवीं में प्रवेश देने की मांग की है। इस पर अंतिम निर्णय अब शिक्षा निदेशक को लेना है।

यश रघुकुल विद्यालय, कृष्णानगर में कक्षा सात का छात्र है। वह जब कक्षा चार में था, तभी से आईएएस और पीसीएस की तैयारी कराने वाली एक कोचिंग संस्थान में निःशुल्क पढ़ाने लगा और आज भी यह सिलसिला जारी है। इसके अलावा उसका अपना यूट्यूब चैनल भी है। यश के पिता डॉ. अंशुमन सिंह बेटे की अच्छी आईक्यू के कारण उसे सीधे कक्षा नौ में दाखिला दिलाना चाहते हैं।

पहले स्थानीय स्तर पर प्रयास किया, लेकिन नियमों के कारण ऐसा नहीं हो सका। फिर उन्होंने शिक्षा निदेशक को आवेदन दिया। उन्होंने जिला विद्यालय निरीक्षक को पत्र भेजकर उसका आईक्यू टेस्ट कराने को कहा ताकि इसके आधार पर निर्णय हो सके।

मोदी के साथ चर्चा करना चाहता है यश
कुछ दिन पहले यश ने एक वीडियो पीएमओ को टैग करते हुए ट्वीट किया था। इस पर शनिवार को पीएमओ से फोन आया था। करीब पांच मिनट हुई बात के दौरान यश ने प्रधानमंत्री के साथ शिक्षा के बजट पर चर्चा करने की इच्छा जाहिर की। पीएमओ ने कहा है कि उसकी इच्छा आगे भेज देंगे।

आईक्यू रिपोर्ट परफेक्ट
मंडलीय मनोविज्ञान केंद्र में यश का आईक्यू परफेक्ट पाया गया है। बताया गया है कि उसका बौद्धिक स्तर सामान्य बच्चों की तुलना में अधिक है। टेस्ट में संश्लेषणात्मक प्रभाव बहुत अच्छा पाया गया है। इसका अर्थ है कि वह कला क्षेत्र में काफी परफेक्ट है। क्रियात्मक योग्यता में अच्छा है, लेकिन संश्लेषणात्मक प्रभाव जैसा नहीं।

कैसे जागी इतिहास में रुचि
यश के पिता डॉ. अंशुमन सिंह बताते हैं कि उनकी पत्नी कंचन पाल सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रही थीं। यश छोटा था, लेकिन उसने साथ में अध्ययन शुरू कर दिया। देखते ही देखते वह परफेक्ट हो गया। अब वह सिविल सेवा की तैयारी करने वालों को भारतीय राज व्यवस्था, अंतरराष्ट्रीय इतिहास, भूगोल एवं समसामयिकी विषय पढ़ा रहा है।

सबसे छोटे इतिहासकार का तमगा
यश के नाम एक खास रिकॉर्ड भी है। जनवरी 2022 में लंदन की संस्था हार्वर्ड वर्ल्ड रिकॉर्ड ने उसका नाम अन्तरराष्ट्रीय सम्बन्ध एवं इतिहास विषय में सबसे छोटे इतिहासकार के रूप में दर्ज किया है।

यश का आईक्यू टेस्ट हो चुका है। आईक्यू सामान्य से अधिक है। इसके पांच बिंदु होते हैं। कुछ में बहुत अच्छा है तो इक्का-दुक्का में सामान्य से अधिक। आईक्यू की रिपोर्ट सौंपी जा चुकी है। कक्षा प्रोन्नति का निर्णय शिक्षा निदेशक के स्तर से होना है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *