सरमा ने कहा, “हमारा काम बाहर से आने वाले किसी भी व्यक्ति को सुरक्षा और आरामदायक आवास प्रदान करना है. कल, भले ही कांग्रेस नेता आए, मैं उनका भी वैसे ही स्वागत करूंगा.”

गुवाहाटी: 

असम में आए बाढ़ पर ध्यान देने के बजाय गुवाहाटी के एक होटल में डटे शिवसेना के बागी विधायकों की मेजबानी करने के आरोप में घिरे मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने शनिवार को अपनी चुप्पी तोड़ी. उन्होंने कहा कि उन्हें खुशी है कि शिवसेना में जारी संघर्ष के कारण पूर्वोत्तर राज्य में आई बाढ़ की स्थिति को हाईलाइट हुई. सरमा, जिन्होंने बार-बार इनकार किया है कि वे उद्धव ठाकरे सरकार को गिराने की धमकी देने वाले शिंदे गुट की सहायता कर रहे हैं, ने मीडिया से कहा, “हमारे पास गुवाहाटी में 200 होटल हैं और सभी में मेहमान हैं. क्या हम बाढ़ की स्थिति बताते हुए मेहमानों को हटा देंगे.”

होटल के बाहर देखे गए बीजेपी नेता

उन्होंने कहा, ” महाराष्ट्र में बीजेपी (बागी विधायकों) का समर्थन कर रही है, मैं इसमें शामिल नहीं होऊंगा.” गौरतलब है कि मुख्यमंत्री के दावों के बावजूद, असम के मंत्रियों और बीजेपी नेताओं को गुवाहाटी के उक्त होटल में देखा गया, जहां शिवसेना के बागी नेता ठहरे हुए हैं. इससे ये स्पष्ट है कि असम भाजपा उन्हें मदद कर रही है.

असम की बाढ़ को हाईलाइट किया गया

न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक सरमा ने कहा, “हमारा काम बाहर से आने वाले किसी भी व्यक्ति को सुरक्षा और आरामदायक आवास प्रदान करना है. कल, भले ही कांग्रेस नेता आए, मैं उनका भी वैसे ही स्वागत करूंगा. मैं आभारी हूं कि शिवसेना आई, इस कारण असम की बाढ़ को हाईलाइट किया गया.”

80 फीसदी हिस्सा पानी में डूब गया

गौरतलब है कि इस साल अप्रैल से अब तक असम के 35 में से 28 जिलों के करीब 33 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. इस साल अप्रैल से अब तक बाढ़ और भूस्खलन में 117 लोगों की मौत हो चुकी है. राज्य के दूसरे सबसे बड़े शहर सिलचर का करीब 80 फीसदी हिस्सा पानी में डूब गया है. वहां के लोग भोजन और पानी की आपूर्ति के लिए संघर्ष कर रहे हैं.

सरकारी मदद नाकाफी साबित हो रही है. इससे नाराज एक निवासी ने पूछा, ” असम डूब रहा है और मंत्रियों को महाराष्ट्र से यहां लाया जा रहा है व खरीद-फरोख्त के लिए एक फाइव स्टार होटल में रखा जा रहा है? क्या यही असम सरकार है?” एक अन्य ने कहा कि मुख्यमंत्री सरमा को जलमग्न क्षेत्रों का दौरा करना चाहिए जहां लोग अपने घरों के अंदर फंसे हुए हैं.

 

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