श्रीलंका में आर्थिक संकट के बीच हालात इस कदर खराब हो चुके हैं कि दूसरे देशों की मदद भी कम पड़ती दिख रही है। खबर है कि श्रीलंका में इस महीने के अंत तक डीजल की कमी हो सकती है। साथ ही ईंधन खरीदने के लिए भारत की तरफ से भेजी गई 500 मिलियन डॉलर की क्रेडिट लाइन भी खत्म होने की कगार पर है।

भारत ने श्रीलंका को ईंधन की खरीदी के लिए फरवरी में 500 मिलियन डॉलर की क्रेडिट लाइन का विस्तार किया था। साल 1948 में ब्रिटेन से आजादी मिलने के बाद श्रीलंका सबसे बुरे आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। गैस, खाने और जरूरी चीजों की कमी के चलते नागरिक जमकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

अधिकारियों के अनुसार, हालात के मद्देनजर श्रीलंका में ईंधन के शिपमेंट 1 अप्रैल के बजाए मार्च के अंत में पहुंचने लगे थे। इसके अलावा 15, 18 और 23 अप्रैल को भी तीन और भारतीय शिपमेंट बाकी हैं और अगर तब तक श्रीलंका सरकार मदद में विस्तार की मांग नहीं करती है, तो ईंधन पूरी तरह समाप्त हो जाएगा।

श्रीलंका में डीजल का सबसे ज्यादा इस्तेमाल पब्लिक ट्रांसपोर्ट और बिजली उत्पादन में होता है। मुल्क में डीजल की कमी से पहले ही कुछ थर्मल पावर प्लांट बंद हो गए हैं, जिसके चलते हर रोज करीब 10 घंटों के लिए बिजली कटौती हो रही है। इधर, आयात के लिए भुगतान नहीं करने के चलते देश की एकमात्र रिफायनरी नवंबर 2021 में दो बार बंद हो चुकी है।

गहराता जा रहा है संकट!
सरकार की असफलता से नाराज नागरिक अब सड़कों पर उतर आए हैं और इस्तीफा देने की मांग कर रहे हैं। वहीं, श्रीलंका मेडिकल एसोसिएशन (SLMA) ने राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे को जरूरी दवाओं की कमी के बारे में भी चेतावनी दे दी है। SLMA का कहना है कि दवाओं और उपकरण की आपूर्ति में कमी हो रही है। स्थिति इतनी बिगड़ चुकी है कि उन्होंने मुश्किल हालात के लिए नियमित सर्जरी करना बंद कर दिया है।

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