नयी दिल्ली, 30 जुलाई (भाषा) दिल्ली प्रशासन ने शुक्रवार को बाढ़ का अलर्ट जारी किया और यमुना के मैदानी इलाके में रह रहे लोगों से स्थान खाली कराने के प्रयास तेज कर दिए। राजधानी में यमुना के डूब वाले ऊपरी इलाकों में भारी बारिश के बीच जल स्तर खतरे के निशान 205.33 मीटर को पार कर गया है।

एक अधिकारी ने बताया कि सुबह 11 बजे ओल्ड रेलवे ब्रिज पर जल स्तर 205.34 मीटर दर्ज किया गया। सुबह साढ़े आठ बजे जल स्तर 205.22 मीटर, सुबह छह बजे 205.10 मीटर और सुबह सात बजे 205.17 मीटर दर्ज किया गया। जल स्तर और बढ़ सकता है।

सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि सभी संबंधित विभागों को चौकस कर दिया गया है। सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग ने अलग-अलग इलाकों में 13 नौकाओं को तैनात किया है तथा 21 अन्य को तैयार रखा है।

हरियाणा द्वारा हथनीकुंड बैराज से यमुना में और पानी छोड़े जाने पर दिल्ली पुलिस और पूर्वी दिल्ली जिला प्रशासन ने राजधानी में यमुना के मैदानी इलाकों में रह रहे लोगों से स्थान खाली कराना शुरू कर दिया है।

जिला प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि बाढ़ का अलर्ट तब जारी किया जाता है जब यमुना का जल स्तर 204.50 मीटर के ‘‘खतरे के निशान’’ को पार करता है। चौबीसों घंटे स्थिति की निगरानी की जा रही है।

मौसम विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि दिल्ली में बारिश के कारण नदी उफान पर है। उत्तर पश्चिम भारत में और बारिश की संभावना के कारण नदी और उफान पर हो सकती है। मौसम विभाग ने शुक्रवार को तीसरे दिन दिल्ली-एनसीआर में मध्यम बारिश के लिए ‘‘ऑरेंज अलर्ट’’ जारी किया है।

दिल्ली बाढ़ नियंत्रण कक्ष के अनुसार, हथनीकुंड बैराज पर पानी छोड़ने की दर मंगलवार दोपहर को 1.60 लाख क्यूसेक पहुंच गयी जो इस साल अभी तक सबसे अधिक है। बैराज से छोड़े गए पानी को राजधानी पहुंचने तक आम तौर पर दो से तीन दिन लगते हैं।

हरियाणा ने सुबह आठ बजे तक यमुनानगर में स्थित बैराज से 19,056 क्यूसेक की दर से पानी छोड़ा। बृहस्पतिवार को रात आठ बजे तक 25,839 क्यूसेक की दर से पानी छोड़ा गया था। सामान्यत: हथनीकुंड बैराज से पानी के बहाव की दर 352 क्यूसेक होती है लेकिन डूब वाले इलाकों में भारी बारिश के बाद ज्यादा पानी छोड़ा जा रहा है। एक क्यूसेक 28.32 लीटर प्रति सेकंड के बराबर होता है।

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