चीनी सेना की नजर भारत के INS विक्रांत पर है। पीपल्स लिबरेशन आर्मी ने अपनी वेबसाइट पर भारतीय विमानवाहक पोत विक्रांत के लॉन्च के बारे में एक लेख प्रमुखता से प्रकाशित किया है। चीन क्यों है अलर्ट?

भारत और चीन के बीच दो साल से अधिक से बॉर्डर पर गतिरोध बना हुआ है। दोनों देशों ने बॉर्डर पर सैनिकों की तैनाती में बढ़ोतरी जारी रखी है। इसके साथ ही दोनों देशों ने बॉर्डर पर हथियार जमा कर रहे हैं। इस बीच चीनी सेना की नजर भारतीय नौसेना के आईएनएस विक्रांत पर है। पीपल्स लिबरेशन आर्मी ने अपनी वेबसाइट पर भारतीय विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत के लॉन्च के बारे में एक लेख प्रमुखता से प्रकाशित किया है।

पीपल्स लिबरेशन आर्मी ने क्या कहा है?

कहा गया है कि आईएनएस विक्रांत भारत की ‘दो महासागरों’ की रणनीति के कार्यान्वयन को बढ़ावा देगा। मौजूदा वक्त में भारत का एकमात्र एयरक्राफ्ट कैरियर ‘विक्रमादित्य’ भारत के पश्चिमी क्षेत्र में तैनात है। आईएनएस विक्रांत के चालू होने के बाद से यह भारत के पूर्वी क्षेत्र में नियंत्रण को और मजबूत करेगा। इससे भारत अपनी पूर्वी रणनीति पर और मजबूती से काम कर सकेगा जिससे दक्षिण पूर्व एशिया और एशिया प्रशांत में भारत के प्रभाव का विस्तार होगा।

चीन क्यों है अलर्ट?

भारतीय नौसेना का पहला स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत को लेकर चीन शुरू से अलर्ट रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक चीन को डर है कि विक्रांत चीनी एयरक्राफ्ट लियाओनिंग और शेडोंग से असरदार हो सकता है। इतना ही नहीं विक्रांत के आने के बाद से भारत दक्षिण-पूर्व एशिया में और अधिक प्रभावी होगा जो कि चीन को मंजूर नहीं है।

भारत बन जाएगा पांचवां ऐसा देश

एक्सपर्ट्स बताते हैं कि विक्रांत का डिजाइन 1999 में शुरू हुआ था जबकि चीनी एयरक्राफ्ट 1970 के दशक की सोवियत तकनीक में निहित हैं। ऐसे में यह संभव है कि विक्रांत चीनी एयरक्राफ्ट की तुलना में अधिक एडवांस हो और यही कारण है कि चीन की नजरें आईएनएस विक्रांत पर हैं।

चीनी रक्षा विशेषज्ञ इस बात से चिंतित हैं कि विक्रांत प्रशांत महासागर में प्रवेश कर सकता है। बता दें कि विक्रांत के लॉन्च होने के बाद भारत दुनिया का पांचवां ऐसा देश बन जाएगा जिसके पास दो एयरक्राफ्ट कैरियर होंगे।

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