अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया ने एक रूसी प्रस्ताव पर विचार करने के लिए भारत की आलोचना की है. जो कि अमेरिका और उसके सहयोगियों द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों को कमजोर करेगा.

नई दिल्ली: 

अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया ने एक रूसी प्रस्ताव पर विचार करने के लिए भारत की आलोचना की है. जो कि अमेरिका और उसके सहयोगियों द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों को कमजोर करेगा. ब्लूमबर्ग के हवाले से छपी खबर के अनुसार अमेरिकी वाणिज्य सचिव जीना रायमोंडो ने बुधवार को कहा कि  “अब समय आ गया है कि सही के साथ खड़ा हुआ जाए. संयुक्त राज्य अमेरिका और दर्जनों अन्य देशों के साथ खड़े होकर, यूक्रेनी लोगों के साथ स्वतंत्रता, लोकतंत्र और संप्रभुता के लिए खड़ा होना है. राष्ट्रपति पुतिन के युद्ध को वित्तपोषित और ईंधन देने और सहायता करने का नहीं, ” वाणिज्य सचिव जीना रायमोंडो (Gina Raimondo) ने बुधवार को वाशिंगटन में संवाददाताओं से कहा कि व्यवस्था रिपोर्टों “बेहद निराशाजनक” है. वहीं ऑस्ट्रेलिया के व्यापार मंत्री डैन तेहान, जिन्होंने ब्रीफिंग में कहा कि लोकतंत्र के लिए ये जरूरी है कि एक साथ काम किया जाए.

बता दें भारत रूसी हथियारों का दुनिया का सबसे बड़ा खरीदार है और रूस से सस्ती कीमत पर ईंधन की मांग की है. वहीं रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव 31 मार्च से दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर भारत आ रहे हैं. यूक्रेन के खिलाफ 24 फरवरी को रूस द्वारा शुरू किये गए सैन्य अभियान के बाद यह उनकी पहली भारत यात्रा है. वहीं लावरोव की यात्रा के दौरान, भारत अमेरिकी उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार दलीप सिंह और यू.के के विदेश सचिव लिज़ ट्रस की भी मेजबानी करेगा. ट्रस की भारत यात्रा के संबंध में ब्रिटिश उच्चायोग ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि, ‘‘विदेश मंत्री लिज ट्रस पिछले महीने यूक्रेन पर रूस के अवैध आक्रमण के बाद एक व्यापक राजनयिक प्रयास के तहत आज भारत आएंगी.

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