केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने बिहार में मुसलमानों की भी जातीय जनगणना की मांग की है। उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में रोहिंग्या ने सीमांचल और बिहार में घुसपैठ कर लिया है। इनकी पहचान जरूरी हो गई है।
बिहार में जातीय जनगणना को लेकर चल रही कवायद के बीच भाजपा के फायर ब्रांड नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने अल्पसंख्यकों खासकर मुसलमानों की गणना की मांग की है। गिरिराज सिंह ने कहा कि मुसलमानों की गणना से रोहिंग्या और अन्य घुसपैठियों की पहचान हो सकेगी। ऐसे लोगों को सीमांचल और बिहार से बाहर निकालने में मदद मिलेगी। गिरिराज कटिहार में मीडिया से बात कर रहे थे। वह बुधवार को संपन्न हुई भाजपा की राज्य कार्यकारिणी की दो दिवसीय बैठक में भाग लेने आए थे।
गिरिराज ने कहा कि उनकी पार्टी जातीय जनगणना को लेकर बिहार सरकार के साथ खड़ी है। लेकिन हम चाहते हैं कि मुसलमानों के भीतर जातियों और उपजातियों को गिना जाना चाहिए। गिरिराज ने आरोप लगाया कि रोहिंग्या और बांग्लादेशी अवैध रूप से सीमांचल में बस गए हैं। सरकार को मुसलमानों की भी जातीय जनगणना के माध्यम से ऐसे लोगों की पहचान करनी चाहिए।
अल्पसंख्यकों शब्द की समीक्षा की आवश्यकता पर बल देते हुए मंत्री ने जमीयत-उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष महमूद मदनी का हवाला देते हुए कहा कि इस शब्द ने अपना महत्व खो दिया है। उन्होंने हाल में कहा था कि मुसलमान लंबे समय तक अल्पसंख्यक नहीं रहेगा। वह ‘ज्ञानवापी’ मुद्दे को उठाने से भी नहीं चुके और कहा कि यह मामला 1991 के कानून के दायरे में नहीं आता है।
राज्यकार्यकारिणी में राममंदिर और सीएए छाया रहा
बुधवार को भाजपा की दो दिवसीय राज्य कार्यकारिणी समिति की बैठक के समापन के अंतिम दिन पिछले 8 वर्षों के दौरान गरीब लोगों को समर्पित कई कल्याणकारी योजनाओं के साथ भारत को दुनिया में शीर्ष पर ले जाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देते हुए प्रस्ताव पारित किया गया।
पार्टी कार्यकारिणी समिति की दो दिवसीय बैठक में राम मंदिर निर्माण, अनुच्छेद 370 का हनन, नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) का छाया रहा। पार्टी के नेताओं ने जोर देकर कहा कि इनसे हमारी विचारधारा को बल मिला है। बैठक में ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा देने के अलावा डॉ बीआर अंबेडकर की स्मृति में बिरसा मुंडा संग्रहालय पंचतीर्थ पर भी चर्चा हुई।