दिल्ली से सटे नोएडा में ‘भ्रष्टाचार की नींव’ पर बने ट्विन टावर्स रविवार दोपहर को ध्वस्त कर दिए गए। इन्हें बनाने वाली सुपरटेक लिमिटेड के चेयरमैन ने इमारतों को गिराए जाने 500 करोड़ का नुकसान हुआ है।

दिल्ली से सटे नोएडा के सेक्टर 93ए में ‘भ्रष्टाचार की नींव’ पर बने सुपरटेक के ट्विन टावर्स रविवार दोपहर ध्वस्त कर दिए गए। इन्हें बनाने वाली रियल एस्टेट कंपनी सुपरटेक लिमिटेड के चेयरमैन आर.के. अरोड़ा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ट्विन टावरों को गिराए जाने से कंपनी को करीब 500 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।

अरोड़ा ने कहा कि इन दोनों टावरों का कुल निर्मित क्षेत्र करीब 8 लाख वर्ग फुट है। उन्होंने कहा कि हमने इन टावरों का निर्माण नोएडा विकास प्राधिकरण द्वारा मंजूर भवन योजना के अनुसार ही किया था।

अरोड़ा ने कहा कि इस इमारत को ढहाए जाने से उसके निर्माण पर आई लागत एवं कर्ज पर देय ब्याज के रूप में कंपनी को करीब 500 करोड़ रुपये का नुकसान होने का अनुमान है। ये दोनों टावर नोएडा के सेक्टर 93ए में एक्सप्रेसवे पर स्थित सुपरटेक की एमराल्ड कोर्ट प्रोजेक्ट का हिस्सा थे। इन टावर में बने 900 से अधिक फ्लैट की मौजूदा बाजार मूल्य के हिसाब से कीमत करीब 700 करोड़ रुपये थी।

3,700 किलोग्राम से अधिक विस्फोटक का हुआ इस्तेमाल

दिल्ली के कुतुब मीनार से भी ऊंचे लगभग 100 मीटर के एपेक्स और सियान टॉवर को गिराने के लिए 3,700 किलोग्राम से अधिक विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने स्थापित मानकों का उल्लंघन कर एमराल्ड कोर्ट सोसायटी परिसर के बीच में इस 100 मीटर ऊंची आवासीय इमारत के निर्माण को गैरकानूनी बताते हुए इसे विस्फोटक का इस्तेमाल कर गिराए जाने का आदेश दिया था। उसी आदेश का पालन करते हुए रविवार दोपहर 2.30 बजे इस इमारत के दोनों टावर विध्वंसक लगाकर महज कुछ सेकेंड में धराशायी कर दिए गए।

उन्होंने कहा कि हमारा कुल नुकसान करीब 500 करोड़ का हुआ है। इसमें इमारत के निर्माण और जमीन की खरीद पर आई लागत के अलावा नोएडा प्राधिकरण को तमाम मंजूरियों के लिए दिए गए शुल्क और बैंकों को कर्ज के बदले दिया गया ब्याज शामिल है। इसके अलावा हमें इन टावर में फ्लैट खरीदने वाले ग्राहकों को भी 12 प्रतिशत की दर से ब्याज देना पड़ा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *