नई दिल्ली: 

भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के एक विश्लेषण  से पता चला है कि भारत ने पिछले 121 वर्षों में इस साल औसतन मार्च महीने में अपने सबसे गर्म दिनों को दर्ज किया है.  जिसमें देश भर में अधिकतम तापमान सामान्य से 1.86 डिग्री सेल्सियस अधिक रहा. यह रिकॉर्ड तोड़ आंकड़ा उत्तर पश्चिम और मध्य भारत में अधिकतम तापमान में बड़े अंतर से प्रेरित था. वही, एक रिपोर्ट के अनुसार, देश भर में औसत वर्षा भी मार्च महीने के दौरान अपने दीर्घावधि औसत (Long Period Average) से 71% कम पाई गई.

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार भारत ने औसतन 1901 के बाद से अपना सबसे गर्म मार्च महीना दर्ज किया, जिसमें अधिकतम तापमान (Temperature) सामान्य से 1.86 डिग्री सेल्सियस अधिक था. पूरे भारत में इस साल मार्च के महीने ने गर्मी का नया रिकॉर्ड दर्ज किया है. गौरतलब है, मार्च 2022 के दौरान पूरे देश का औसत अधिकतम, न्यूनतम और औसत तापमान क्रमश: 33.10 डिग्री सेल्सियस, 20.24 डिग्री सेल्सियस और 26.67 डिग्री सेल्सियस था. जबकि वर्ष 1981 से 2010 की अवधि के लिए औसत सामान्य तापमान 31.24 डिग्री सेल्सियस, 18.87 डिग्री सेल्सियस और 25.06 डिग्री सेल्सियस था.  मार्च में उत्तर पश्चिम भारत में औसत अधिकतम तापमान सामान्य से 3.91 डिग्री सेल्सियस अधिक था.

वही, औसत न्यूनतम तापमान या रात का तापमान, सामान्य से 2.53 डिग्री सेल्सियस अधिक होने के साथ 1901 के बाद से दूसरा सबसे ज्यादा था. औसत दैनिक तापमान सामान्य से 3.22 डिग्री सेल्सियस अधिक होने के साथ दूसरा सबसे ज्यादा था.

मध्य भारत में, यह मार्च अधिकतम तापमान के मामले में 121 वर्षों में दूसरा सबसे गर्म था; औसत तापमान के मामले में तीसरा सबसे गर्म और न्यूनतम तापमान के मामले में चौथा सबसे गर्म था.  इस बीच, देश में मार्च महीने में औसतन 8.9 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो कि इसके दीर्घावधि औसत (एलपीए) 30.4 मिमी से 71% कम है। 1909 (7.2 मिमी) और 1908 (8.7 मिमी) के बाद पिछले महीने 1901 के बाद तीसरी सबसे कम बारिश हुई थी.

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