एनसीपी नेता मोहम्मद फैजल ने हत्या के प्रयास के मामले में उनकी सजा को निलंबित करने की उनकी याचिका को खारिज करने के केरल उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी.

नई दिल्ली: 

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने लक्षद्वीप के सांसद मोहम्मद फैजल (Mohammed Faizal) को बड़ी राहत दी है. सुप्रीम कोर्ट ने मोहम्मद फैजल की संसद सदस्यता बरकरार रखने का फैसला किया है. इसके साथ ही दोष सिद्धि बरकरार रखने के केरल हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाई है और नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.बता दें कि योग्य करार हुए लक्षद्वीप के  सांसद मोहम्मद फैजल ने केरल हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में दी है चुनौती दी थी. जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने आज सुनवाई की है.

एनसीपी नेता मोहम्मद फैजल ने हत्या के प्रयास के मामले में उनकी सजा को निलंबित करने की उनकी याचिका को खारिज करने के केरल उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की. इस दोषसिद्धि के कारण उन्हें इस साल दूसरी बार लोकसभा सांसद के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया .3 अक्टूबर को हाई कोर्ट के आदेश के बाद बुधवार को फैजल को लोकसभा सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया. फैजल संसद में लक्षद्वीप का प्रतिनिधित्व कर रहे थे .

22 अगस्त को मोहम्मद फैजल को लगा था बड़ा झटका

इससे पहले 22 अगस्त को लक्षद्वीप(UT) के NCP सांसद मोहम्मद फैजल को बड़ा झटका लगा था .उनपर लोकसभा से अयोग्य होने की तलवार फिर लटक गई थी .सुप्रीम कोर्ट ने हत्या के प्रयास मामले में  सजा बहाल के केरल हाईकोर्ट द्वारा दोषी करार देने को निलंबित करने के फैसले को रद्द किया  था .सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केरल हाईकोर्ट ने  कानून के सारे पहलुओं पर गौर नहीं किया .सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट को 6 हफ्ते में सजा निलंबित करने के मामले पर फिर से विचार करने को कहा था.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि फिलहाल हाईकोर्ट के अपील पर फैसला करने तक उनकी सजा निलंबित रहेगी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा वो नहीं चाहता कि अयोग्यता होने से अचानक क्षेत्र में वैक्यूम हो जाए. इसके साथ ही फैजल की राहुल गांधी को राहत मिलने की दलील भी खारिज की गई थी.जस्टिस बीवी नागरत्ना की बेंच ने फैसले में कहा था कि इसमें कोई विवाद नहीं है कि वो सांसद है और लक्षद्वीप का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं .उन्हें हाईकोर्ट के फैसले का लाभ मिला है .

उपचुनाव को लेकर निर्वाचन आयोग की ओर से जारी प्रेस नोट को चुनौती

दरअसल, केंद्रशासित प्रदेश लक्षद्वीप ने सजा पर रोक लगाने को चुनौती दी थी.पहले कोर्ट ने याचिका का निपटारा कर दिया था क्योंकि निर्वाचन आयोग ने कोर्ट के समक्ष कहा था कि चूंकि दोष सिद्धि को ही कोर्ट ने स्थगित कर दिया है, लिहाजा अभी उपचुनाव के लिए अधिसूचना जारी नहीं की जाएगी.यानि फिलहाल उपचुनाव कराने की कोई जरूरत नहीं होगी. मोहम्मद फैजल ने लक्षद्वीप संसदीय क्षेत्र में उपचुनाव को लेकर निर्वाचन आयोग की ओर से जारी प्रेस नोट को चुनौती दी थी.

चुनाव आयोग ने नहीं जारी की थी अधिसूचना

हालांकि, चुनाव आयोग ने चुनाव के लिए अधिसूचना जारी नहीं की थी.आयोग ने 18 जनवरी को कहा था कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के नेता फैजल को अयोग्य ठहराये जाने के बाद लक्षद्वीप लोकसभा सीट के लिए उपचुनाव 27 फरवरी को पांच राज्यों की छह विधानसभा सीट के लिए उपचुनाव के साथ होगा . इसके बाद फैसले की सदस्यता बरकार हो गई थी.

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