दक्षिण अफ्रीका की कप्तान सुने लूस का मानना है कि महिला टी20 चैलेंज से भारतीय घरेलू क्रिकेटरों को इतना फायदा हुआ कि वे किसी भी दिन दक्षिण अफ्रीका की टीम का हिस्सा बनने के काबिल हैं।

दक्षिण अफ्रीका की कप्तान सुने लूस का मानना है कि महिला टी20 चैलेंज से भारतीय घरेलू क्रिकेटरों को इतना फायदा हुआ कि वे किसी भी दिन दक्षिण अफ्रीका की टीम का हिस्सा बनने के काबिल हैं। लूस ने हाल ही में टोरनाडोस के साथ दुबई में फेयरब्रेक इंविटेशनल टूर्नामेंट और सुपरनोवास के साथ महिला टी20 चैलेंज जीता। उन्होंने कहा कि इससे उन्हें काफी कुछ सीखने का मौका मिला।

लूस ने ‘ईएसपीएनक्रिकइन्फो’ से कहा, ‘आईपीएल का लेवल काफी बेहतर था। फेयरब्रेक में एसोसिएट सदस्यों के खिलाड़ी ज्यादा थे। कुछ लड़कियों ने पहली बार स्पाइक्स पहने थे तो कुछ पहली बार टर्फ विकेट पर खेल रहीं थी।’ उन्होंने कहा, ‘सबसे हैरानी की बात तो फेयरब्रेक में क्रिकेट का स्तर था। हमें पता ही नहीं था कि ऑस्ट्रिया जैसे देशों में क्रिकेट खेला जाता है। वे लोग इतना अच्छा खेल रहे थे क्योंकि खेल से उन्हें प्यार है।’

लूस ने कहा, ‘भारत से इसकी तुलना नहीं हो सकती। भारत में क्रिकेट की दीवानगी है। भारत के घरेलू क्रिकेट भी किसी भी दिन दक्षिण अफ्रीका टीम का सदस्य होने के काबिल है। उनका लेवल ही अलग है।’ बीसीसीआई 2023 में महिला आईपीएल शुरू करने की सोच रही है और पहले सीजन में पांच या छह टीमें होंगी। लूस ने स्वीकार किया कि फ्रेंचाइजी लीग अधिक खेलने का असर इंटरनेशनल क्रिकेट पर पड़ सकता है। उन्होंने कहा, ‘दोनों में संतुलन बनाना जरूरी है। कैलेंडर में इंटरनेशनल क्रिकेट कम नहीं होना चाहिए।’

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