यूपी को एनसीआर की तरह विकसित करने को लेकर योगी सरकार ने नई कार्य योजना तैयार की है। योगी सरकार एनसीआर की तर्ज पर यूपी में अब एससीआर बनाने जा रही है, जिसमें प्रदेश के छह जिलों को शामिल किया जाएगा।

यूपी को एनसीआर की तरह विकसित करने को लेकर योगी सरकार ने नई कार्य योजना तैयार की है। योगी सरकार एनसीआर की तर्ज पर यूपी में अब एससीआर बनाने जा रही है, जिसमें प्रदेश के छह जिलों को शामिल किया जाएगा। दरअसल सीएम योगी आदित्यनाथ ने संतुलित, समावेशी और स्थायी शहरी नियोजन के जिन उद्देश्यों के साथ ‘उत्तर प्रदेश राज्य राजधानी क्षेत्र’ की परिकल्पना की है, वह आम आदमी को ईज ऑफ लिविंग के सभी मानकों पर विश्वस्तरीय अहसास कराने वाला होगा।

देश में पहली बार किसी राज्य में गठित होने जा रही इस विशिष्ट राजधानी क्षेत्र का लक्ष्‍य राजधानी लखनऊ पर बढ़ती जनसंख्या से इंफ्रास्ट्रक्चर पर दबाव, अनियोजित विकास, क्षेत्र विशेष का ही विकास जैसी चुनौतियों का समाधान पाना है। सीएम की मंशा है कि यह विशिष्ट क्षेत्र स्थिरता, स्वास्थ्य देखभाल, संस्कृति, पर्यावरण, शिक्षा और बुनियादी ढांचे के वैश्विक मानकों के अनुरूप जीवंतता सूचकांक (लिवेलीहुड इंडेक्स) में अपनी खास जगह बनाने वाला हो। सीएम के निर्देश के बाद अब आवास एवं शहरी नियोजन विभाग द्वारा इसकी कार्ययोजना तैयार की जा रही है।

प्रदेश की राजधानी होने के कारण जाहिर तौर पर लखनऊ का विकास दूसरे जिलों के सापेक्ष कहीं ज्यादा है। बीते 05 वर्षों में शिक्षा, स्वास्थ्य, शानदार नगरीय सुविधाओं के साथ लखनऊ में रहना और आरामदायक बन गया है। बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर होने के नाते से निवेशक भी लखनऊ की ओर आकर्षित होते हैं, सो रोजगार की दृष्टि से भी यहां अपार अवसर हैं। ऐसे में बड़ी संख्या में दूसरे जिलों के लोग यहां अपना स्थायी ठिकाना बनाना चाहते हैं। यही वजह है कि यहां रियल एस्टेट सेक्टर में बूम है। लेकिन इन सबके बीच इंफ्रास्ट्रक्चर पर दवाब बढ़ता जा रहा है, साथ ही अनियोजित विकास की समस्या भी उपज रही है। मुख्यमंत्री योगी इन्ही समस्याओं का स्थायी हल देने की कोशिश में हैं।

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