पंजाब के प्रसिद्ध गायक सिद्धू मूसेवाला को रविवार को 29 साल की उम्र में ताबड़तोड़ गोलियों से भून दिया गया। मूसेवाला की पंजाब समेत पूरे देश में जबरदस्त फैन फालोइंग है। वे यूथ आइकॉन माने जाते थे। उनके एक एक गीत को करोड़ों हिट मिलते थे। लेकिन उनकी हत्या जिस दर्दनाक तरीके से हुई, उसने पूरे देश को हिला दिया। कुछ इसी तरह की कहानी है पंजाब के 80 के दशक के एक नामी गायक अमर सिंह चमकीला की। चमकीला की भी सिद्धू मूसेवाला की तरह गोलियों से भून कर हत्या कर दी गई थी।

अमर सिंह चमकीला एक बेखौफ गायक थे जो अपनी बातों को अपने गीतों के जरिए समाज के सामने परोसते थे। उनका अपना एक बैंड भी था जिसमें दो लोग और उनकी पत्नी अमरजोत सिंह चमकीला थे, जिनके साथ वह गाना भी गाते और तुम्बी भी बजाया करते थे। वह विदेशों में भी मशहूर थे। उनके सुपरहिट गानों में ललकारे नाल और कुछ धार्मिक गीत बाबा तेरा ननकाना, तलवार मैं कलगीधार दी शामिल रहे थे।

8 मार्च 1988 को एक मोटरसाइकिल गिरोह ने अमर सिंह चमकीला को दिनदहाड़े गोलियों से छलनी कर दिया था। गायक की हत्या का दोषी आतंकवादियों को माना गया। वहीं कुछ लोगों का ये भी कहना था कि अमर पंजाब के बेहतरीन गायक थे। इस वजह से दूसरे गायकों ने साजिश करके उन्हें मार डाला। यही कारण है कि इस गायक की मौत अब तक राज बनी हुई है। चमकीला की जब मौत हुई तो वे 28 साल के थे।
चमकीला का जन्म 1960 को लुधियाना के डुगरी गांव में हुआ था। वह इलेक्ट्रीशियन बनना चाहते थे, लेकिन उन्हें कपड़े की मिल में नौकरी मिली। उन्हें संगीत का शौक था तो कुछ सालों में वह हारमोनियम और ढोलकी बजाना सीख गए। 18 साल की उम्र में वे सुरेंद्र शिंदा से मिले। तब सुरेंद्र को पता लगा कि अमर कितने प्रतिभाशाली थे। फिर सुरेंद्र और अमर ने एक साथ काम करना शुरू कर दिया, और अमर सिंह ने अपने नाम के आगे चमकीला लगा लिया। जिसके बाद कुछ ही समय में उनकी शादी भी हो गई।
रोपड़ के गांव बिंदरख में जन्मे गायक सुरजीत बिंदरखिया ने ‘अड्डी उत्ते घुम्म’के गीत ‘जुगनी’ में बिना सांस लिए 28 सेकेंड लंबी हेक लगाई थी। इसके लिए उनका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है। 2003 में वे दुनिया को अलविदा कह गए। उनकी मौत ने पूरी पंजाब इंडस्ट्री को हिला दिया था।
मूसेवाला की मौत के बाद उनका 15 मई को रिलीज गीत काफी वायरल हो गया है। इसके बोल थे..ओह चौबर दे चेहरे उत्ते नूर दसदां नी, एहदा उठेगा जवानी विच जनाजा मिठ्ठिये… दो सप्ताह बाद ही सिद्धू मूसेवाला की गोलियां मारकर हत्या कर दी गई। इसी तरह बिंदरखिया ने अपनी मौत से एक दिन पहले एक गीत रिलीज किया था। जिसके बोल थे- नी मैं तिड़के घड़े दा पानी…मैं कल तक नहीं रहना…

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