राज्यपाल श्री विश्वभूषण हरिचंदन ने महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी नेताजी सुभाषचंद्र बोस की जयंती पर उन्हें नमन किया। राज्यपाल ने राजभवन में नेताजी सुभाषचंद्र बोस के छायाचित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
इस अवसर पर राज्यपाल श्री हरिचंदन ने कहा कि नेताजी सुभाषचन्द्र बोस देश के स्वतंत्रता आंदोलन के महानायक थे। उनके राष्ट्र के प्रति त्याग एवं बलिदान की भावना ने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन को नई दिशा और दशा प्रदान की। राष्ट्र के प्रति उनके समर्पण, देश को आजाद देखने की प्रबल भावना और उनके अदम्य साहस भरे कदमों ने तत्कालीन समय में देश में विशेष कर युवाओं में एक नवीन ऊर्जा एवं उत्साह का संचार किया था। वे दूरदृष्टि रखते थे और देश को स्वतंत्र कराने की रणनीति तैयार की। इसके लिए उन्होंने देश भी छोड़ दिया। नेताजी ने आजाद हिन्द फौज की कमान संभालने के बाद देश की आजादी से पहले ही अंडमान निकोबार में अस्थाई सरकार बनाई और भारत के पहले प्रधानमंत्री बने। इस कदम से उन्होंने अंग्रेजों को कड़ा संदेश दिया था कि भारत में अंग्रेजी शासन ज्यादा दिन तक नहीं रहेगा। उन्होंने युवाओं का आहवान किया कि ‘‘तुम मुझे खून दो मैं तुम्हे आजादी दूंगा‘‘।
राज्यपाल ने कहा कि नेताजी सुभाषचन्द्र बोस का ओजस्वी व्यक्तित्व, अभूतपूर्व संगठन क्षमता, साहस, निष्ठा एवं नेतृत्व के अद्भुत गुण हमेशा याद किए जाएंगे। उनके विचार एवं आदर्श हमारे लिए धरोहर की तरह हैं। आजादी की लड़ाई में हम उनके योगदान को कभी नहीं भूला सकते हैं।
इस अवसर पर राज्यपाल के सचिव श्री अमृत कुमार खलखो, विधिक सलाहकार श्री राजेश श्रीवास्तव सहित राजभवन के अधिकारियों-कर्मचारियों ने भी नेताजी सुभाषचंद्र बोस के चित्र पर पुष्प अर्पित कर नमन किया।

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