छत्तीसगढ़ में 13 हजार राशन दुकानों के माध्यम से वितरित किया जा रहा है 6 लाख टन पोषणयुक्त चावल

कृषि विश्वविद्यालय द्वारा विश्व खाद्य कार्यक्रम के सहयोग से एक दिवसीय वेबिनार सम्पन्न

इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत आयरन, फोलिक एसिड तथा विटामिन बी12 पोषणयुक्त (फोर्टिफाईड) चावल के वितरण से प्रदेश में पोषण की गुणवत्ता में काफी सुधार आया है। उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय द्वारा विश्व खाद्य कार्यक्रम के सहयोग से सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत प्रदेश की जनता को उपलब्ध कराये जाने वाले चावल के फोर्टिफिकेशन हेतु तकनीकी सहयोग प्रदान किया जा रहा है। आज संपूर्ण छत्तीसगढ़ में राशन दुकानों के माध्यम से 6 लाख टन पोषणयुक्त चावल का वितरण किया जा रहा है। डॉ. चंदेल ने कहा कि पोषणयुक्त चावल के उपयोग हेतु आम जनता को अधिक जागरूक बनाने की आवश्यकता है। उन्होंने इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के अंतर्गत संचालित कृषि विज्ञान केन्द्रों तथा विभिन्न कृषि महाविद्यालयों के अंतर्गत संचालित राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यक्रमों के माध्यम से आम जनता को पोषणयुक्त चावल का महत्व बताने तथा इसके उपयोग हेतु जागरूकता उत्पन्न करने पर जोर दिया। डॉ. चंदेल आज यहां इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय द्वारा विश्व खाद्य कार्यक्रम के सहयोग से ‘‘चावल के फोर्टिफिकेशन के महत्व’’ विषय पर आयोजित एक दिवसीय वेबिनार को संबोधित कर रहे थे।
इस वेबिनार को छत्तीसगढ़ शासन के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के अपर संचालक श्री राजीव कुमार जायसवाल, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के संचालक अनुसंधान डॉ. विवेक कुमार त्रिपाठी, निदेशक विस्तार सेवाएं डॉ. अजय कुमार वर्मा, अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ. संजय शर्मा, विश्व खाद्य कार्यक्रम के उप प्रमुख पोषण एवं शालेय पोषण कार्यक्रम डॉ. सिद्धार्थ वाघुलकर, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के बायोटेक्नोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. सतीष वेरूलकर, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग की उप संचालक सुश्री श्रुति नेरकर तथा विश्व खाद्य कार्यक्रम की छत्तीसगढ़ प्रतिनिधि सुश्री कस्तुरी पंड़ा ने भी संबोधित किया। डॉ. शुभा बैनर्जी ने कार्यशाला का विषय प्रतिपादन किया।
उल्लेखनीय है कि भारत सरकार द्वारा सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत पोषणयुक्त खाद्यान्न वितरण योजना के तहत छत्तीसगढ़ में 13 हजार राशन दुकानों के माध्यम से 6 लाख टन आयरन, फोलिक ऐसिड एवं विटामिन बी12 युक्त फोर्टिफाईड चावल का वितरण किया जा रहा है। इनमें से 10 हजार से अधिक राशन दुकानें ग्रमीण क्षेत्रों में संचालित हैं। सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत वितरित फोर्टिफाईड चावल के फोर्टिफिकेशन हेतु विश्व खाद्य कार्यक्रम द्वारा इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर को तकनीकी सहयोग इकाई बनाया गया है। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय द्वारा चावल के फोर्टिफिकेशन हेतु विकसित तकनीक के माध्यम से प्रदेश भर में स्थापित 100 इकाईयों में फोर्टिफाईड राईस बनाने की इकाईयाँ लग चुकी हैं। इन 100 इकाईयों में तैयार आयरन, फोलिक ऐसिड तथा विटामिन बी12 युक्त फोर्टिफाईड चावल को 2 हजार राईस मिलों तक पहुंचाया जाता है, जहां प्रति 99 किलो सामान्य चावल में एक किलो फोर्टिफाईड चावल मिलाकर इन्हें सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकानों के माध्यम से आम जनता तक पहुंचाया जा रहा है। कार्यशाला में बताया गया कि पोषणयुक्त चावल के उपयोग के संबंध में जनता में जागरूकता की कमी होने के कारण फोटिफाईड चावल को भी आम चावल की तरह सूपे द्वारा साफ किया जाता है तथा उबालकर पसिया निकाल दिया जाता है जिसकी वजह से फोर्टिफाईड चावल में मिलाये गये पोषक तत्व का हृास हो जाता है। अतः इस संबंध में आम जनता को जागरूक किये जाने की आवश्यकता है। इस जागरूकता अभियान में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कृषि विज्ञान केन्द्र तथा राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यक्रम महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। वेबिनार में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के अंतर्गत संचालत कृषि विज्ञान केन्द्रों के प्रमुख एवं विभिन्न महाविद्यालय में संचालित राष्ट्रीय सेवा योजना के प्रभारी ऑनलाईन शामिल हुए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *