राष्ट्रपति ने पढ़ाई के दबाव और नकारात्मक सोच से उबरने के लिए समाज से छात्रों की मदद करने का आह्वान किया.

नई दिल्ली: 

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में एक कार्यक्रम में विद्यार्थियों की आत्महत्या के मामलों पर चिंता जाहिर की. राष्ट्रपति ने पढ़ाई के दबाव और नकारात्मक सोच से उबरने के लिए छात्रों की मदद करने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि, मेरी इस भावी पीढ़ी के परिवार के लोगों, दोस्तों, अध्यापकों और समाज से अपील है कि वे इन बच्चों की मानसिकता को समझकर इनकी सहायता करें.

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि, मैं सभी स्टेकहोल्डर्स से कहना चाहूंगी कि अगर बच्चों पर पढ़ाई का, काम्पटीशन का प्रेशर है तो पॉजिटिव थिंकिंग के द्वारा उसे दूर करके उनको आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ने में मदद करें.

गुरुवार को छत्तीसगढ़ के दो दिवसीय प्रवास पर पहुंचीं राष्ट्रपति मुर्मू ने रायपुर में विधानसभा मार्ग पर स्थित ब्रम्‍हकुमारी संस्‍थान के शांति सरोवर रिट्रीट सेंटर में ‘सकारात्मक परिवर्तन का वर्ष’ कार्यक्रम की शुरुआत की. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि अगर हम विज्ञान और प्रौद्योगिकी के साथ आध्यात्म को भी जोड़ लें तो जीवन अधिक आसान हो जाएगा.

छात्रों की आत्महत्या से बहुत दुख हुआ

उन्होंने राजस्थान में ‘राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा’ (NIT) के दो छात्रों द्वारा आत्महत्या किए जाने की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि देश ने चंद्रमा पर अपना झंडा फहराया है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलों में उपलब्धि हासिल की है, लेकिन ऐसे मामलों (छात्रों की आत्महत्या) को देखकर उन्हें दुख होता है.

उन्होंने कहा ‘‘बहुत दुख होता है जब कुछ बच्चों ने कुछ कारणों से नकारात्मक भाव उत्पन्न होने के चलते खुद को इस धरती से विदा करने का निश्चय ले लिया. इस बात के अनेक उदाहरण है कि क्षणिक असफलता से भविष्य की सफलता निहित होती है.”

हर एक व्यक्ति को ईश्वर ने अलग बनाया 

राष्ट्रपति ने कहा कि, हर एक व्यक्ति को ईश्वर ने अलग बनाया है और सब में अनोखी प्रतिभाएं होती हैं. दूसरों से प्रेरणा लेना अच्छी बात है लेकिन अपनी रुचियों, अपनी क्षमताओं को समझकर, अपने लिए सही दिशा का चुनाव करना चाहिए. मुर्मू ने समाज के सभी वर्गों से अनुरोध किया कि वे पढ़ाई के दबाव, नकारात्मक सोच से उबरने में तथा आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ने में छात्रों की मदद करें.

उन्होंने समाज को सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करने को लेकर प्रजापिता ब्रह्माकुमारी संस्थान के प्रयासों की सराहना की और कहा कि ‘सकारात्मक परिवर्तन का वर्ष’ जैसे कार्यक्रम छात्रों को नकारात्मक सोच से उबारने में मददगार हो सकते हैं.

विज्ञान और प्रौद्योगिकी के साथ आध्यात्म को भी जोड़ें

मुर्मू ने कहा कि अगर हम विज्ञान और प्रौद्योगिकी के साथ आध्यात्म को भी जोड़ लें तो जीवन अधिक आसान हो जाएगा. उन्होंने कहा ‘‘यदि आप रामराज्य का सपना देख रहे हैं तब आपको पहले खुद राम और सीता बनना होगा तथा देश को विश्वगुरू बनाने के लिए उसी दिशा में कदम रखना होगा.”

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