तिरंगे में लिपटे बादल के पार्थिव शरीर को फूलों से सजी ट्रैक्टर ट्रॉली पर रखा गया और उनके आवास से करीब एक किलोमीटर दूर परिवार के खेत में ले जाया गया. सुखबीर बादल और उनकी बहन परणीत कौर कैरों अपने पिता की पार्थिव देह को मुखाग्नि दिये जाने से पहले रो पड़े.

पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल का अंतिम संस्कार बृहस्पतिवार को राज्य के मुक्तसर जिले में स्थित उनके पैतृक गांव में पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया गया. पांच बार मुख्यमंत्री रहे दिग्गज अकाली नेता को हजारों शोकाकुल नागरिकों और नेताओं ने अंतिम विदाई दी.

प्रकाश सिंह बादल को उनके बेटे तथा शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने मुखाग्नि दी. पंजाब पुलिस की एक टुकड़ी ने इस अवसर पर बंदूक से सलामी दी. बादल का मंगलवार को मोहाली के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया. वह सांस लेने में समस्या के बाद नौ दिन तक अस्पताल में भर्ती रहे. बादल का पार्थिव शरीर बुधवार रात मुक्तसर जिले से बादल गांव लाया गया.

बृहस्पतिवार को तिरंगे में लिपटे बादल के पार्थिव शरीर को फूलों से सजी ट्रैक्टर ट्रॉली पर रखा गया और उनके आवास से करीब एक किलोमीटर दूर परिवार के खेत में ले जाया गया. उनके बेटे सुखबीर सिंह बादल अन्य लोगों के साथ ट्रैक्टर-ट्रॉली पर हाथ जोड़कर खड़े नजर आए. सुखबीर बादल और उनकी बहन परणीत कौर कैरों अपने पिता की पार्थिव देह को मुखाग्नि दिये जाने से पहले रो पड़े.

पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित और मुख्यमंत्री भगवंत मान ने अंतिम संस्कार से पहले बादल को श्रद्धांजलि दी. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जे पी नड्डा, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने बादल गांव पहुंचकर पूर्व मुख्यमंत्री के अंतिम दर्शन किये.

केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, भाजपा के वरिष्ठ नेता तरुण चुग, हरियाणा के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला और पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रफुल्ल पटेल ने भी बादल को श्रद्धांजलि दी. हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कांग्रेस नेता दीपेंद्र हुड्डा, भाजपा की पंजाब इकाई के प्रमुख अश्विनी शर्मा, कांग्रेस की पंजाब इकाई के प्रमुख अमरिंदर सिंह राजा वडिंग और पंजाब के पूर्व मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने भी दिवंगत नेता को अंतिम श्रद्धांजलि दी.

नड्डा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘बादल साहब नेता नहीं थे, राजनेता थे. बादल के व्यक्तित्व से सब प्रभावित थे.” इससे पहले सुबह बादल के पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए उनके आवास पर रखा गया जहां बड़ी संख्या में लोग उन्हें श्रद्धांजलि देने और परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करने के लिए कतार में खड़े नजर आए.

बादल के बेटे सुखबीर बादल, पुत्रवधू हरसिमरत कौर बादल, उनकी दो बेटियां और एक बेटा अकाली नेता के पार्थिव शरीर के पास खड़े थे. पूर्व वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल, प्रकाश सिंह बादल के परिवार से अलग हुए उनके भतीजे एवं पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया आदि भी उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि देने पहुंचे. बादल पहली बार 1970 में पंजाब के मुख्यमंत्री बने और गठबंधन सरकार का नेतृत्व किया, जो अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाई. वह 1977-80, 1997-2002, 2007-12 और 2012-2017 के बीच भी मुख्यमंत्री रहे। वह 11 बार विधानसभा के लिए चुने गए थे.

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