Power Crisis: देश की राजधानी दिल्ली समेत अन्य कई राज्यों में कोयले की किल्लत के चलते बिजली संकट पैदा हो गया है. दिल्ली सरकार ने शुक्रवार कोयले की “भीषण कमी” को रेखांकित करते हुए दावा किया कि कई बिजली प्लाटों में सिर्फ एक दिन का भंडार बचा है और राष्ट्रीय राजधानी में विद्युत आपूर्ति बाधित होने की चेतावनी दी. वहीं, इस बीच केंद्रीय बिजली मंत्री आर के सिंह ने कहा कि, ‘दिल्ली को जरूरत के मुताबिक बिजली मिलती रहेगी.’

दरअसल, केंद्रीय बिजली मंत्री आर के सिंह ने बिजली संकट और देश के थर्मल पावर प्लांट्स में कोयले की उपलब्धता की समीक्षा की. इसके बाद उन्होंने कहा कि दिल्ली को जरूरत के मुताबिक बिजली मिलती रहेगी. साथ ही उन्होंने कहा, कोयला संकट के लिए राज्यों का बकाया भी जिम्मेदार है. उन्होंने बताया, कोल इंडिया कंपनी का राज्यों पर 2608 करोड़ रुपया बकाया है. जिसमें से सबसे ज्यादा पश्चिम बंगाल पर है. आकड़ा शेयर करते हुए उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में 1066 करोड़ रुपया बकाया है.

बता दें, इससे पहले मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि देश के सामने विद्युत संकट के समाधान के लिए जल्द से जल्द ठोस कदम उठाने की जरूरत है. दिल्ली के ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन ने संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि पर्याप्त संख्या में रेलवे रेक (डिब्बों) की उपलब्धता न होने के कारण कोयले की “बेहद कमी” है और चेतावनी दी कि अगर बिजली संयंत्र बंद हो जाते हैं तो आपूर्ति में “कठिनाई” हो सकती है.

पूरे भारत में स्थिति बेहद गंभीर

वर्तमान भंडार क्रमशः 1,40,000 मीट्रिक टन और 95,000 मीट्रिक टन है और आयातित कोयले की आपूर्ति भी होने वाली है. केजरीवाल ने हालांकि दावा किया कि पूरे देश में बिजली की स्थिति बेहद गंभीर है. केजरीवाल ने ट्वीट किया, “देश भर में बिजली की भारी समस्या हो रही है. अभी तक दिल्ली में हम किसी तरह से प्रबंधन कर रहे हैं. पूरे भारत में स्थिति बेहद गंभीर है. हम सबको मिलकर जल्द ही इसका समाधान निकालना होगा. इस समस्या से निपटने के लिए त्वरित ठोस कदम उठाने की ज़रूरत है.”

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