कर्नाटक से ताल्लुक रखने वाले सीनियर नेता मल्लिकार्जुन खड़गे स्पष्ट रूप से पसंदीदा उम्मीदवार के तौर पर उभरे हैं। 80 वर्षीय खड़गे ने कांग्रेस के शीर्ष नेताओं के साथ नामांकन पत्रों के 14 सेट जमा किए।

कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर लंबे समय तक चले उठापटक के बाद तस्वीर अब साफ हो गई है। पार्टी चीफ के लिए राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और लोकसभा सांसद शशि थरूर के बीच मुकाबला होना है। 17 अक्टूबर को होने वाले इलेक्शन में खड़गे को थरूर पर पूरी तरह से बढ़त मिलती दिख रही है। कहा जा रहा है कि खड़गे के सामने थरूर बिल्कुल भी टिक नहीं पाएंगे।

झारखंड के पूर्व मंत्री केएन त्रिपाठी ने भी जरूर अध्यक्ष पद के लिए नामांकन भरा है, लेकिन टक्कर तो खड़गे और थरूर के बीच ही होनी है। मालूम हो कि कांग्रेस में पार्टी चीफ की पोस्ट के लिए वोट देने का अधिकार 9,100 प्रतिनिधियों के पास है। मतदान के बाद नतीजे 19 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे।

नामांकन के समय ही खड़गे ने दिखाई ताकत
कर्नाटक से ताल्लुक रखने वाले सीनियर नेता खड़गे स्पष्ट रूप से पसंदीदा उम्मीदवार के तौर पर उभरे हैं। 80 वर्षीय खड़गे ने कांग्रेस के शीर्ष नेताओं के साथ नामांकन पत्रों के 14 सेट जमा किए। उनके प्रस्तावकों में अशोक गहलोत, दिग्विजय सिंह, ए के एंटनी, अंबिका सोनी, मुकुल वासनिक शामिल हैं। इसके अलावा उनके प्रस्तावकों में आनंद शर्मा, पृथ्वीराज चव्हाण, मनीष तिवारी और भूपेंद्र हुड्डा जैसे नेता भी हैं जो पार्टी में बदलाव की मांग उठाने वाले नेताओं के समूह जी-23 में शामिल हैं।

 जी-23 के कई नेता खड़गे के समर्थन में
शुक्रवार को एआईसीसी मुख्यालय में खड़गे के नामांकन पत्र दाखिल करते समय पार्टी के अनेक नेता साथ थे। जी-23 के कई नेता उनका समर्थन कर रहे हैं। कई सांसदों ने भी खड़गे के कागजात पर हस्ताक्षर किए हैं। अगर खड़गे चुनाव जीतते हैं, तो वह अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के अध्यक्ष बनने वाले एस निजालिंगप्पा के बाद कर्नाटक के दूसरे नेता होंगे। जीतने पर वह जगजीवन राम के बाद इस पद पर आसीन होने वाले दूसरे दलित नेता होंगे। खड़गे 50 साल से अधिक समय से राजनीति में सक्रिय हैं।

थरूर ने नॉमिनेशन पेपर के 5 सेट ही भरे
शशि थरूर खुद जी-23 में शामिल रहे हैं। उन्होंने नामांकन पत्रों के 5 सेट दाखिल किए। थरूर के समर्थकों में कार्ति चिदंबरम, मोहम्मद जावेद और प्रद्युत बोरदोलोई आदि कुछ नेता थे। 66 वर्षीय थरूर ने चुनाव में अपने प्रतिद्वंद्वी खड़गे को पार्टी का ‘भीष्म पितामह’ करार दिया। वहीं, झारखंड के पूर्व मंत्री त्रिपाठी ने कांग्रेस के केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण के अध्यक्ष मधुसूदन मिस्त्री के समक्ष नामांकन पत्र का एक सेट दाखिल किया।

नेहरू-गांधी परिवार के प्रति हमेशा से वफादार खड़गे
मल्लिकार्जुन खड़गे नेहरू-गांधी परिवार के प्रति हमेशा से ईमानदार माने जाते रहे हैं। कांग्रेस की ओर से होने वाले प्रदर्शनों में उन्होंने हमेशा सक्रिय भूमिका निभाई है। हाल के दिनों में जब राहुल और सोनिया गांधी को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने समन भेजा, तब भी वह बढ़-चढ़कर आगे आए। सड़कों पर हुए प्रदर्शन के दौरान वह मौजूद रहे। विरोध-प्रदर्शन के दौरान कई बार उन्हें कुछ घंटों के लिए हिरासत में लिया गया। राहुल और सोनिया के बचाव में वह लगातार प्रेस कॉन्फ्रेंस करते रहे।

कांग्रेस के असंतुष्ट नेताओं में शामिल थरूर
दूसरी तरफ, शशि थरूर अब नेहरू-गांधी परिवार के प्रति वफादार के तौर पर नहीं जाने जाते हैं। उनकी गिनती कांग्रेस के असंतुष्ट नेताओं में होती है। थरूर G-23 के मेंबर हैं। पार्टी के भीतर सुधार की मांग को लेकर वह हमेश मुखर रहे हैं। हाल ही में उन्होंने मनीष तिवारी और कार्ति चिदंबरम के साथ मांग रखी थी कि कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए इलेक्टोरल रोल को सार्वजनिक किया जाए।

नाम वापस लेने की आखिरी तारीख अभी शेष
शुक्रवार नामांकन दाखिल करने का आखिरी दिन था और शनिवार को नामांकनों की जांच के बाद नाम वापस लेने की आखिरी तारीख 8 अक्टूबर है। इस बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने कहा कि पार्टी के अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए नामांकन पत्र वापस लेने की अंतिम तारीख अभी गुजरी नहीं है। लिहाजा उन्हें यह नहीं पता है कि 17 अक्टूबर को कांग्रेस का अध्यक्ष चुनने के लिए चुनाव होगा या नहीं।

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