International Women’s Day 2023: ऐसे बहुत से योगासन हैं जिन्हें रोजाना करने पर महिलाओं को स्वास्थ्य संबंधी कई दिक्कतों से छुटकारा मिल जाता है. जानिए कौन-कौनसे हैं ये Yoga Poses.

International Women’s Day 2023: महिलाएं एक नहीं बल्कि कई अलग-अलग तरह के किरदार निभाती हैं. किसी के लिए मां का किरदार, किसी के लिए पत्नी का, किसी के लिए बेटी का और किसी के लिए बहन का. अपने हर रोल में वे अपने कंधों पर कई तरह की जिम्मेदारियों का बोझ उठाए रखती हैं. कभी ऑफिस की भागदौड़, बच्चों की देखभाल, पूरे घर का ख्याल रखना या पढ़ने जाना. ऐसे में शरीर में ऊर्जा की क्षति भी बहुत होती है और शरीर को कई तरह के रोग जैसे डायबिटीज, थाइराइड, पीसीओएस (PCOS) या पीसीओडी और जहां-तहां दर्द की दिक्कत होने लगती है. ऐसे में योगा एक्सपर्ट (Yoga Expert) ग्रीशा ढींगरा के अनुसार हर महिला को कुछ योगासन रोजाना जरूर करने चाहिए. आने वाले 8 मार्च के दिन अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जा रहा है. इस दिन को नयी जीवनशैली की अच्छी शुरूआत में बदलकर आप भी योगा करना शुरू कर सकती हैं.

योगा एक्सपर्ट ग्रीशा ढींगरा के अनुसार, यहां दिए जा रहे हर आसन को 5 बार सांस लेकर होल्ड करें और फिर धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए अपनी पहले वाली मुद्रा में आ जाएं. जब आदत बनना शुरू हो जाए तो 10  से 12 सांसों तक भी आसन किया जा सकता है.

इस आसन को करने पर ब्लड फ्लो बेहतर होता है, रीढ़ की हड्डी की लचकता बढ़ती है, एब्डोमिनल मसल्स बेहतर होती हैं, दिमाग शांत होता है और हाथ-पैरों की अच्छी स्ट्रेचिंग हो जाती है.

नवासन (Navasana) और वृक्षासन बैलेंसिंग आसन होते हैं. इसीलिए इन्हें करना पर हाथ-पैरों के मसल्स और पेट के लिए अच्छा होता है. इनसे माइंडफुलनेस आती है और दिमाग को ऊर्जा भी मिलती है.

ग्रीशा ढींगरा बताती हैं कि इन आसन को करने पर ऊपरी शरीर और दिमाग तक ब्लड फ्लो बढ़ाने और दिमाग को शांत करके बैलेंस की भावना महसूस होने में मदद मिलती है. इसलिए रोजाना अधोमुख शवासन और विपरीत करनी आसन किए जा सकते हैं.

सेतु बंधासन करने पर कंधों की गतिशीलता बढ़ती है, पीठ सीधी रहती है, दिल की सेहत में इजाफा होता है और पोश्चर बेहतर होने लगता है. इस आसन को रीढ़ की हड्डी की लचकता बढ़ाने के लिए भी किया जा सकता है. साथ ही, पाचन बेहतर होता है और इमोशनल ब्लोकेज से राहत मिलती है.

इन तीनों आसनों को करने पर शरीर के प्रजनन अंगों में ब्लड फ्लो बेहतर होता है. इससे कमर, जांघों के आंतरिक हिस्से और कमर के निचले हिस्से के दर्द (Lower Back Pain) से राहत मिल जाती है. पेल्विस फ्लोर को मजबूत बनाने और तनाव कम करने में भी यह आसन लाभकारी है.

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