तीन मस्जिद और एक मज़ार पर आपत्तिजनक पोस्टर के अलावा धार्मिक ग्रंथ के पन्ने फाड़कर फेंकने के मामले में उत्तर प्रदेश के अयोध्या से सात लोगों को गिरफ़्तार किया गया है.

पुलिस का कहना है कि यह शांति भंग करने की कोशिश का हिस्सा था. जिन अभियुक्तों को गिरफ़्तार किया गया है, उनके नाम हैं- महेश कुमार मिश्रा, प्रत्युश श्रीवास्तव, नितिन कुमार, दीपक कुमार गौड़ उर्फ गुंजन, बृजेश पांडे, शत्रुघ्न प्रजापति और विमल पांडे. ये सभी अयोध्या के रहने वाले हैं.

अंग्रेज़ी अख़बार इंडियन एक्सप्रेस ने इस ख़बर को प्रमुखता से जगह दी है. पुलिस के अनुसार, इनमें सबसे कम उम्र के 22 साल के दीपक कुमार गौड़ हैं और सबसे ज़्यादा उम्र से 37 साल के महेश मिश्रा हैं.

सभी अभियुक्तों के ख़िलाफ़ आईपीसी की धारा 295 (धर्म का अपमान) और 295-A के तहत मामला दर्ज किया गया है. इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, पुलिस ने मिश्रा को पूरे मामले का मास्टरमाइंड बताया है. पुलिस का कहना है कि पूरी हरकत सुनियोजित थी और यह दिल्ली में हुई सांप्रदायिक झड़प के विरोध के नाम पर किया गया था. इस महीने ही दिल्ली के जहांगीरपुरी में सांप्रदायिक झड़प हुई थी.

पुलिस के अनुसार, इन अभियुक्तों ने अयोध्या के मस्जिद कश्मीरी मोहल्ला, टाटशाह मस्जिद, घोसियाना रामनगर मस्जिद, ईदगाह सिविल लाइन मस्जिद और दरगाह जेल के पीछे मांस और आपत्तिजनक पोस्टर फेंके थे. पुलिस का कहना है कि इस मामले में कुल 11 लोग शामिल थे लेकिन चार अभी फरार हैं.

इंडियन एक्सप्रेस की ख़बर के अनुसार, अयोध्या के एसएसपी शैलेश कुमार पांडे ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस कर कहा, ”कुछ आठ लोग चार बाइक पर सवार थे. महेश मिश्रा की अगुवाई में इन्होंने इसे अंजाम दिया है. मोटरसाइकिलें ज़ब्त कर ली गई हैं. सबूतों के आधार पर पुलिस ने अभियुक्तों को पकड़ा है. अभी सात लोगों को गिरफ़्तार किया गया और चार फरार हैं. हम इन्हें भी तत्काल गिरफ़्तार कर लेंगे. पूछताछ में पता चला है कि इनकी मंशा शहर की शांति भंग करने की थी.”

महेश मिश्रा पर पहले से भी चार मुक़दमें दर्ज हैं. सभी मुक़दमें सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने को लेकर हैं.

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