सरकारी सर्कुलर में कहा गया है, “कोई भी महिला कर्मी सुबह 6 बजे से पहले और शाम 7 बजे के बाद लिखित सहमति के बिना काम करने के लिए बाध्य नहीं होगी. अधिकारियों को उपरोक्त घंटों के दौरान काम करने पर महिला कर्मी के लिए मुफ्त परिवहन, भोजन और पर्याप्त पर्यवेक्षण भी देना होगा.”
आदेश के अनुसार सुबह 6 बजे से पहले और शाम 7 बजे के बाद अगर महिला कर्मचारी काम करने से मना करती है तो उसे नौकरी से नहीं निकाला जाएगा.
यूपी श्रम विभाग ने शुक्रवार देर रात यह आदेश जारी किया है. आदेश में स्पष्ट तौर पर लिखा गया है कि महिला श्रमिकों को शाम 7 बजे के बाद काम पर बने रहने के लिए मजबूर नहीं किया जाएगा और उनकी लिखित सहमति के बिना सुबह 6 बजे से पहले काम पर नहीं बुलाया जाएगा.
आदेश में आगे कहा गया है, “कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न की घटना को रोकने के लिए महिला श्रमिकों को एक सुरक्षित कामकाजी माहौल प्रदान करने का दायित्व नियोक्ता के पास होगा. इसके अलावा नियोक्ताओं को कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013 या किसी अन्य संबंधित अधिनियमों के प्रावधानों के साथ कारखाने में एक मजबूत शिकायत तंत्र विकसित करना होगा.”