नई दिल्ली: महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) के फैसले क्रिकेट जितना ही अप्रत्याशित होते हैं। सिर्फ उन्हें पता होता है कि क्या करने वाले हैं। कुछ ऐसा ही हुआ इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के 2022 सत्र की शुरुआत से ठीक पहले। माही ने कप्तानी छोड़ने का फैसला करते हुए सभी को हैरान कर दिया। टीम के कप्तान रविंद्र जडेजा (Ravindra Jadeja) बनाए गए तो उन्होंने इस बात पर खुशी जाहिर की कि महान कप्तानों में शामिल धोनी उनके साथ हैं और किसी भी परिस्थिति से उबरने में उनका पूरा सहयोग करेंगे, लेकिन अब लगता है कि धोनी के छाए में होना ही रविंद्र जडेजा की कप्तानी का सबसे नकारात्मक पक्ष बनता जा रहा है।

जडेजा बड़ा फैसला नहीं ले पा रहे
चेन्नई सुपर किंग्स हार का चौका लगा चुकी है और मैदान पर होने वाली हर गतिविधि पर न केवल पूर्व क्रिकेटर, कॉमेंटेटर की नजर होती है, बल्कि फैंस भी इस मामले में खूब दिलचस्पी लेते हैं। आईपीएल इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ कि CSK ने शुरुआती चारों मैच गंवाए और फिलहाल पॉइंट्स टेबल में सबसे नीचे 10वें नंबर पर है। न माही का जादू दिख रहा है और न ही जडेजा के कप्तान बनने से कोई बदलाव। ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि क्या धोनी के छाए में रविंद्र जडेजा कोई बड़ा फैसला नहीं ले पा रहे हैं?

अजय जडेजा ने खुलकर कहा- धोनी अच्छा नहीं कर रहे…
दरअसल, पूर्व भारतीय क्रिकेटर अजय जडेजा (Ajay Jadeja On MS Dhoni) का भी यही मानना है। उन्होंने खुले तौर पर एक इंटरव्यू में कहा कि अगर कप्तान जडेजा हैं तो धोनी गेम को कंट्रोल क्यों कर रहे हैं? उन्होंने कहा, ‘धोनी का मैं सबसे बड़ा प्रशंसक हूं। उनका व्यवहार और कप्तानी की कला सबसे बेहतर है। मैच अगर करो या मरो का हो या प्ले ऑफ (नॉकआउट) हो तो समझ आता है कि धोनी सीनियर हैं और वह आगे बढ़कर लीड करना चाहिए, लेकिन टूर्नामेंट के शुरुआती दौर में ऐसा होना अच्छा नहीं लगता।’

हार के लिए जडेजा से अधिक धोनी जिम्मेदार, क्योंकि…
रविंद्र जडेजा टीम के कप्तान हैं और टॉस के लिए मैदान पर भी वही जाते हैं, लेकिन अधिकतर मौकों पर फील्ड सजाने से लेकर गेंदबाजी क्रम तय करने में धोनी की बड़ी भूमिका देखी गई है। अब जबकि टीम लगातार 4 मैच हार चुकी है तो लाजमी है कि सवाल भी जडेजा पर ही उठेगा, लेकिन पर्दे के पीछे से लीड करने वाले महेंद्र सिंह धोनी भी कम सवालों के घेरे में नहीं आते। जडेजा के नाम शर्मनाक रिकॉर्ड दर्ज हुआ तो सबसे अधिक आलोचना धोनी की हो रही है, क्योंकि मैदान पर आखिरी फैसला उन्हीं का होता है।

आखिर क्यों फेल हो रही रणनीति?
हार के कारणों पर बहस करेंगे तो सबसे बड़ा नेगेटिव पॉइंट गेंदबाजी उभरकर सामने आएगी। चेन्नई ने दीपक चाहर पर बड़ा दांव लगाया था। फ्रेंचाइजी ने अपने पेसर को 14 करोड़ की भारी भरकम राशि लगाकर टीम से जोड़ा। टूर्नामेंट से ठीक पहले दीपक चाहर चोटिल हो गए और टीम के लिए अभी तक उपलब्ध नहीं हो सके हैं। दीपक के होने से CSK की गेंदबाजी मजबूत नजर आती थी, लेकिन उनके नहीं होने से ठीक न तो शुरुआत में विकेट निकाल पा रही है और डेथ ओवर्स में भी उसके लिए यही परेशानी है। टीम में कई अन्य गेंदबाज हैं, लेकिन दीपक की कमी को भर पाना मुश्किल है।

टूर्नामेंट 4 मैच और सभी हारे

  • पहला मैच: vs कोलकाता नाइटराइडर्स, 6 विकेट से हार
  • दूसरा मैच: vs लखनऊ सुपर जायंट्स, 6 विकेट से हार
  • तीसरा मैच: vs पंजाब किंग्स, 54 रनों से हार
  • चौथा मैच: vs सनराइजर्स हैदराबाद, 8 विकेट से हार
  • धोनी को लेकर यह है सबसे बड़ा सवाल
    फ्रेंचाइजी की कप्तानी छोड़ना सिर्फ और सिर्फ धोनी का फैसला था तो जडेजा के रहते इतना दखल क्यों? यह सवाल किसी भी सामान्य फैन के मन में भी उठ सकता है। इसका एक उत्तर यह भी हो सकता है कि धोनी का कद किसी भी कप्तान से कहीं ऊपर है। भारत को दो बार वर्ल्ड चैंपियन और CSK को 4 बार खिताब जितवाना उनके कद को दर्शाता है। ऐसे में उनके मैदान पर रहते कोई और कप्तान स्वतंत्र रूप से फैसला ले ऐसा कम ही देखने को मिलता है। भारतीय टीम की कप्तानी जब विराट कोहली को ट्रांसफर हुई तब भी हर फैसला महेंद्र सिंह धोनी से होकर ही गुजरता था। अब जब फ्रेंचाइजी प्लेऑफ की दौड़ से बाहर होने के करीब है तो फैंस उम्मीद करेंगे कि या तो धोनी की करिश्माई कप्तानी दिखे या फिर कप्तान के तौर पर जडेजा कुछ कड़े और बड़े फैसले लें।

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