कानपुर हादसे में 26 मौतें हुई हैं। एक साथ 26 लाशों से गांव में चीख-पुकार मची है। किसी ने खोया अपना लाडला तो कोई  अनाथ हो गया है।

कानपुर के नर्वल तहसील का गांव कोरथा। जहां रविवार की सुबह रोज की तरह नहीं थी। गांव में सिर्फ चीत्कार मची थी। किसी घर में एक लाश रखी तो किसी घर का आंगन छह लाशों पर रो रहा था। हर तरफ से सिर्फ रोने, बिलखने और चिल्लाने की आवाज आ रही थी। क्योंकि किसी ने अपना लाडला खोया था तो कोई अनाथ हो गया था। गांव में एक साथ 26 लोगों की जान गई थी। ये सभी लोग गांव से लगभग ढाई किमी दूर साढ़ के पास मुण्डन से लौट रही ट्रैक्टर ट्राली पलटने के हादसे के शिकार हुए हैं।

गांव के राजू निषाद के बेटे अभि का मुण्डन संस्कार शनिवार को चंद्रिका देवी मंदिर में था। मुण्डन संस्कार में शामिल होने गांव की करीब 50 से अधिक महिलाएं ट्रैक्टर ट्राली पर बैठकर गई थी। ट्रैक्टर को खुद राजू चला रहा था। संस्कार के बाद शाम को सभी लौट रहे थे। शाम साढ़े सात बजे करीब ट्राली पलटने से हादसा हुआ, जिसमें 26 लोगों की जान चली गई और 10 से अधिक घायल हैं। कई सामान्य रूप से घायल घर लौट आए हैं, लेकिन उनमें दहशत दिख रही है। रातभर पोस्टमार्टम के बाद सुबह छह बजे पुलिस ने सभी शवों को उनके परिवार के सुपुर्द किया। गांव में करीब दस एंबुलेंस से आए 26 शवों को देखते ही हाहाकार मच गया। हर तरह चीख-पुकार मच गई। गांव में निषाद समाज के हर परिवार ने अपने किसी न किसी को खोया था।

राकेश सचान, अजीत पाल व सांगा पहुंचे ढांढस बंधाने
गांव में शवों के साथ कैबिनेट मंत्री राकेश सचान, राज्यमंत्री अजीत सिंह पाल व विधायक अभिजीत सिंह सांगा भी पहुंचे। वे हर घर में जाकर परिवार को ढांढस बंधा रहे थे और दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आश्वासन दे रहे थे। मंत्रियों ने सरकार की ओर से पूरी मदद कराने का आश्वासन भी दिया।
प्रशासन ने दी अर्थी व कफन सामग्री 
प्रशासन सुबह से ही मुस्तैद नजर आया। प्रशासन की ओर से ही सभी परिवारों को अर्थी व कफन सामग्री मुहैया कराई गई। हर घर में जाकर प्रशासन के लोगों ने ढांढस बंधाने के साथ परिवार को पूरी सामग्री दी, जो घर से लेकर शमशान घाट तक लगती है।

मंत्रियों संग पुलिस वालों के भी निकल पड़े आंसू
गांव में एक साथ 26 लोगों के शव पहुंचने से जहां पूरा गांव चीत्कार रहा था, वहीं सुरक्षा में तैनात पुलिस कर्मियों के भी यह देख आंसू निकल आए। मौके पर आए मंत्री राकेश सचान, अजीत सिंह पाल व विधायक सांगा भी कई जगह परिवारों का दर्द देख रुहासे हो गए। फिर खुद को हिम्मत दी और पीड़ित परिवारों को दिलासा दी।
अब तक लापता है ड्राइवर राजू
हादसे के बाद से राजू लापता है। राजू के बेटे अभि का मुण्डन संस्कार था। हादसे के बाद से राजू लापता है। पहले गांव में उसकी मौत की सूचना आई लेकिन फिर प्रशासन ने इसे गलत करार दिया। सुबह तक भी राजू का पता नहीं है। हालांकि राजू ने भी इस हादसे अपनी बेटी रिया और मां राम जानकी को खोया है। पत्नी और दूसरी बेटी हैलट में भर्ती हैं। बेटा अभि का अभी कुछ पता नहीं है। लोगों का कहना है कि राजू उसे अपने साथ ले गया है।

सुरक्षा में तैनात रही पीएसी व पुलिस
हादसे के बाद लोगों के आक्रोश को देखते हुए गांव में सुबह से ही भारी पुलिस फोर्स व पीएसी तैनात रही। प्रशासन की ओर से एडीएम फाइनेंस और पुलिस की ओर से एएसपी जायजा लेते रहे। प्रशासन ने हर घर के पास पुलिस की तैनाती की थी।

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