सूत्रों के मुताबिक पुलिस के हाथ कुछ ऐसे महत्वपूर्ण सीसीटीवी लगे हैं, जिससे ये बात साफ होती है कि दुर्घटना स्थल से कुछ ही दूर जाने पर आरोपियों को पता लग गया था कि अंजलि उनकी कार के नीचे फंसी है.

नई दिल्ली: 

दिल्ली पुलिस इसी साल एक जनवरी को हुए कंझावला कांड में शामिल सात आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट पेश करेगी. पुलिस हत्या की धारा के तहत चार्जशीट पेश कर रही है. इसके अतिरक्त पुलिस ने सबूत मिटाने की धारा-201 भी लगाई है. बता दें कि कुल सात आरोपियों में से चार के खिलाफ पुलिस ने हत्या का आरोप लगाया है.

ये 4 लोग वो हैं जो दुर्घटना के वक्त गाड़ी के अंदर मौजूद थे. इनके नाम अमित खन्ना, कृष्णा, मिथुन और मनोज मित्तल हैं.
सूत्रों के मुताबिक पुलिस के हाथ कुछ ऐसे महत्वपूर्ण सीसीटीवी लगे हैं, जिससे ये बात साफ होती है कि दुर्घटना स्थल से कुछ ही दूर जाने पर आरोपियों को पता लग गया था कि अंजलि उनकी कार के नीचे फंसी है.

उन्होंने कार रोकी और नीचे देखा. उसके बावजूद उन्होंने अंजलि को बचाने की कोशिश नहीं की और वापस कार में बैठकर भागने लगे. इसी वजह से पुलिस ने कार में बैठे सभी आरोपियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया है.

मामले में इस वक्त कुल पांच लोग जेल में है, इन चार के अलावा जो पांचवा शख्स जो जेल में है, उसका नाम दीपक खन्ना है. पुलिस के मुताबिक दीपक ने साजिश के तहत दिल्ली पुलिस से झूठ बोला था कि हादसे के वक्त वह गाड़ी चला रहा था जबकि जांच के दौरान पुलिस को पता लगा कि गाड़ी में 5 नहीं सिर्फ चार लोग थे.

दीपक खन्ना ने झूठ सिर्फ इसलिए कहा था क्योंकि उसके पास ड्राइविंग लाइसेंस था. केस में जिन दो लोगों को बेल मिल गई उनके नाम आशुतोष और अंकुश है. मामले में मुख्य गवाह निधि (अंजली की दोस्त) का 164 का बयान दर्ज हो चुका है. मामले में फूड डिलिवरी ब्वॉय, 112 के सभी कॉलर्स और घटना के सीसीटीवी फुटेज एक महत्वपूर्ण सबूत हैं.

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