बीजिंग: चीन ने लंबे इंतजार के बाद चुनिंदा भारतीय छात्रों को वापस बुलाने (Indian Students in China Return) की रजामंदी दे दी है। कोरोना महामारी के कारण लगाए गए वीजा और उड़ा संबंधी प्रतिबंधों के बाद भारतीय छात्र (Indian Students in China) लगभग दो साल से वापसी का इंतजार कर रहे थे। लेकिन, चीन के अड़ियल रवैये के कारण इन छात्रों का भविष्य अधर में लटका हुआ था। अब चीन ने मंजूरी तो दे दी है, लेकिन साथ में शर्त रखी है कि सिर्फ उन्हीं छात्रों को वापस आने का मौका दिया जाएगा, जिनका आना बहुत जरुरी है। इससे पहले चीन ने पाकिस्तान, श्रीलंका और दक्षिण कोरिया के छात्रों की वापसी का ऐलान किया था।

चुनिंदा विद्यार्थियों को ही वापस बुला रहा चीन
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने कहा कि पढ़ाई के लिए चीन लौटने को लेकर भारतीय छात्रों की चिंताओं को हमारा देश अधिक महत्व देता है। हमने अन्य देशों के विद्यार्थियों के चीन लौटने की प्रक्रिया और अनुभव को भारतीय पक्षों के साथ साझा किया है। उन्होंने बताया कि भारतीय विद्यार्थियों की वापसी के लिए काम शुरू हो चुका है। भारतीय पक्ष को केवल उन विद्यार्थियों की सूची प्रदान करनी है, जिन्हें वास्तव में चीन वापस आने की आवश्यकता है।

चीन ने कोरोना प्रतिबंधों के बाद भारतीय छात्रों को भेजा था
इससे पहले आई खबरों के अनुसार 23,000 से अधिक भारतीय विद्यार्थी, जिनमें से ज्यादातर चीनी कॉलेजों में चिकित्सा की पढ़ाई कर रहे हैं, स्वदेश लौटने के बाद भारत में फंस गए हैं। ये विद्यार्थी दिसंबर, 2019 में चीन में कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने के बाद स्वदेश लौट आये थे। चीनी सरकार द्वारा लगाई गई पाबंदियों के कारण वे चीन वापस नहीं आ पाये थे।

चीन में सबसे ज्यादा भारतीय छात्र करते हैं पढ़ाई
चीन में पढ़ने वाले विदेशी छात्रों में भारतीयों की संख्या सबसे ज्यादा है। एक अनुमान के मुताबिक, कोरोन महामारी से पहले लगभग 20000 भारतीय छात्र चीन की अलग-अलग यूनिर्सिटीज में अध्ययन कर रहे थे। कोरोना फैलने के बाद चीन ने इस छात्रों को भारत भेज दिया था, जिसके दो साल बाद भी इन्हें अपनी वापसी का इंतजार है।

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