मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, “मुझे 20 दिनों के बाद फिर जेल जाना होगा. अगर आप झाड़ू (आम आदमी पार्टी का चुनाव चिह्न) चुनते हैं, तो मुझे वापस जेल नहीं जाना पड़ेगा.”
नई दिल्ली :
Lok Sabha Elections 2024: अंतरिम जमानत पर तिहाड़ जेल से रिहा हुए दिल्ली (Delhi) के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के संयोजक अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने रविवार को एक रोड शो में लोगों से कहा कि अगर वे उन्हें वोट देंगे तो उन्हें वापस जेल नहीं जाना पड़ेगा. मुख्यमंत्री ने कहा, “मुझे 20 दिनों के बाद वापस जेल जाना होगा. अगर आप झाड़ू (आम आदमी पार्टी का चुनाव चिह्न) चुनते हैं, तो मुझे वापस जेल नहीं जाना पड़ेगा.”
जेल से 50 दिन के बाद रिहा हुए अरविंद केजरीवाल तेज गर्मी और धूल के बीच चुनाव प्रचार में फिर से जुट गए हैं. केजरीवाल की वापसी ने कई मोर्चों पर संघर्ष कर रही आम आदमी पार्टी (AAP) को फिर से मजबूत कर दिया है. पार्टी के वरिष्ठ नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि केजरीवाल की वापसी इंडिया गठबंधन के लिए भी “गेमचेंजर” होगी.
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी के नई दिल्ली लोकसभा सीट पर उम्मीदवार सोमनाथ भारती के समर्थन में मोती नगर में रोड शो किया.
”बीजेपी नहीं चाहती कि दिल्ली के लोगों के काम हों”
मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा, “अगर मैं वापस जेल गया, तो बीजेपी आपका काम बंद कर देगी, फ्री बिजली देना बंद कर देगी, स्कूलों को बिगाड़ देगी और अस्पतालों और मोहल्ला क्लीनिकों को बंद कर देगी. उन्होंने मुझे जेल भेजा, क्योंकि मैंने आपके लिए काम किया. बीजेपी नहीं चाहती कि दिल्ली के लोगों के काम हों.”
अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाया कि तिहाड़ जेल में उन्हें इंसुलिन के इंजेक्शन 15 दिन तक उपलब्ध नहीं कराए गए. उन्होंने लोगों से सोमनाथ भारती को वोट देने के लिए कहा, क्योंकि वे विषम परिस्थितियों में भी जरूरतमंद लोगों के लिए उपलब्ध रहेंगे.
दिल्ली में 25 मई को होगी वोटिंग
अरविंद केजरीवाल एक जून तक अंतरिम जमानत पर हैं. उन्हें दो जून को आत्मसमर्पण करना है. दिल्ली की सभी सात लोकसभा सीटों पर 25 मई को वोटिंग होगी.
अरविंद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में गिरफ्तारी को चुनौती दी है. उन्होंने अपनी जमानत याचिका पर भी सुनवाई करने की मांग की. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें अंतरिम जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया. सुप्रीम कोर्ट के जजों ने जारी लोकसभा चुनावों की ओर संकेत करते हुए कहा कि वे “आदतन अपराधी” नहीं हैं.
जस्टिस संजीव खन्ना और दीपांकर दत्ता की पीठ ने कहा, “चुनाव हैं (और) यह असाधारण परिस्थितियां हैं, और वे आदतन अपराधी नहीं हैं. यह सार्वजनिक हित का सवाल है.”