पाकिस्तान की इमरान खान सरकार पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। क्रिकेटर से राजनेता बने इमरान खान के खिलाफ विपक्ष एकजुट है और उन्हें सत्ता से बाहर करने के बेहद करीब है। अब सवाल उठता है कि अगर इमरान खान सरकार गिरी तो पाकिस्तान का अगला प्रधानमंत्री कौन होगा?

यानी इमरान खान को हटाए जाने के बाद पाकिस्तान का अगला प्रधानमंत्री कौन बनेगा। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने अगले पाकिस्तानी पीएम के नाम की घोषणा कर दी है।

विपक्षी पार्टी के नेता बिलावल भुट्टो जरदारी ने बुधवार को कहा कि इमरान खान ने नेशनल असेंबली में “अब बहुमत खो दिया है” और विपक्ष के नेता शाहबाज शरीफ जल्द ही देश के प्रधानमंत्री बनेंगे।

अगले कुछ दिनों में होने वाले विश्वास मत से पहले एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए, बिलावल भुट्टो ने मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट-पाकिस्तान (एमक्यूएम-पी) को धन्यवाद कहा। इमरान खान की पीटीआई की सहयोगी पार्टी मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट-पाकिस्तान ने उनका साथ छोड़कर विपक्ष के साथ हाथ मिला लिया है और इमरान खान के खिलाफ मतदान करने का फैसला लिया है।

बिलावल ने कहा कि मतदान गुरुवार को होना चाहिए। बिलावल भुट्टो ने कहा, “इमरान खान अब अपना बहुमत खो चुके हैं। वह अब प्रधानमंत्री नहीं हैं। संसद का सत्र कल है। चलो कल मतदान करते हैं और इस मामले को सुलझाते हैं। हम तब ही पारदर्शी चुनाव और लोकतंत्र की बहाली की यात्रा और आर्थिक संकट को खत्म करने पर काम शुरू कर सकते हैं।”

उन्होंने कहा, “पीपीपी और एमक्यूएम-पी के कामकाजी संबंध का अविश्वास प्रस्ताव से कोई लेना-देना नहीं है। दोनों पक्षों को कराची और पाकिस्तान के विकास के लिए मिलकर काम करना होगा।” पीपीपी अध्यक्ष ने कहा कि शहबाज शरीफ ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को पद से इस्तीफा देने की चुनौती दी है। बिलावल भुट्टो ने कहा, “उनके (इमरान खान) के पास कोई विकल्प नहीं बचा है। वह या तो इस्तीफा दे सकते हैं या अविश्वास के जरिए बर्खास्त हो सकते हैं।”

बिलावल भुट्टो ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के भाई शाहबाज शरीफ “जल्द ही” देश के प्रधान मंत्री बनेंगे। मियां मुहम्मद शाहबाज शरीफ पुराने पाकिस्तानी नेता हैं। वे वर्तमान में पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में 20 अगस्त 2018 से विपक्ष के नेता हैं। इसके अलावा वह पाकिस्तान मुस्लिम लीग-एन के वर्तमान अध्यक्ष हैं।

इससे पहले, उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन में तीन बार पंजाब के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया है, जिससे वह पंजाब के सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने वाले नेता बने। शहबाज 1988 में पंजाब प्रांतीय विधानसभा के लिए और 1990 में नेशनल असेंबली के लिए चुने गए थे।

2018 में उनके भाई नवाज शरीफ को पद से अयोग्य घोषित किए जाने के बाद उन्हें पाकिस्तान मुस्लिम लीग-एन के अध्यक्ष के रूप में नामित किया गया था। 2018 के चुनाव के बाद उन्हें विपक्ष के नेता के रूप में नामित किया गया था। तब से वे विपक्ष के नेता हैं।

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