सुप्रीम कोर्ट ने पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के सरकार के फैसले को बरकरार रखते हुए सोमवार को कहा कि अगले साल 30 सितंबर तक विधानसभा चुनाव कराने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए.
नई दिल्ली :
भारतीय जनता पार्टी (BJP) के अध्यक्ष जे पी नड्डा (JP Nadda) ने पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) राज्य को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 (Article 370) को निरस्त करने के सरकार के फैसले को बरकरार रखने वाले सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) के नेतृत्व में जम्मू-कश्मीर को देश की ‘मुख्य विचारधारा’ में जोड़ने का ‘ऐतिहासिक’ काम किया गया है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस फैसले पर सोशल मीडिया पर हैशटैग ‘नया जम्मू कश्मीर’ लिखा. वहीं, भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूडी (Rajeev Pratap Rudy) ने कहा कि देश के इतिहास में यह सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक निर्णय है.
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा
जेपी नड्डा ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा अनुच्छेद 370 के विषय में दिये गये फ़ैसले का भारतीय जनता पार्टी स्वागत करती है. उच्चतम न्यायालय की संवैधानिक पीठ ने धारा 370 और 35ए को हटाने के लिए दिए गये निर्णय, उसकी प्रक्रिया और उद्देश्य को सही ठहराया है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने जम्मू-कश्मीर को देश की मुख्य विचारधारा में जोड़ने का ऐतिहासिक काम किया है, इसके लिए मैं और हमारे करोड़ों कार्यकर्ता प्रधानमंत्री का हृदय से आभार व्यक्त करते हैं.”
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य से संबंधित अनुच्छेद 370 को निरस्त करने संबंधी सरकार के फैसले को सुप्रीम कोर्ट द्वारा बरकरार रखे जाने के निर्णय का स्वागत करते हुए सोमवार को कहा कि इससे साबित हो गया कि केंद्र सरकार का फैसला ‘पूरी तरह से संवैधानिक’ था. अमित शाह ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “मैं उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत करता हूं, जिसमें अनुच्छेद 370 को समाप्त करने के फैसले को बरकरार रखा गया है.” इस पोस्ट के साथ उन्होंने हैशटैग ‘नया जम्मू कश्मीर’ भी लिखा. उन्होंने कहा कि पांच अगस्त 2019 को, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अनुच्छेद 370 को निरस्त करने का एक ‘दूरदर्शी’ निर्णय लिया. अमित शाह ने कहा कि तब से जम्मू-कश्मीर में शांति और सामान्य स्थिति लौट आई है. प्रगति और विकास ने घाटी में मानव जीवन को नए अर्थ दिए हैं. पर्यटन और कृषि क्षेत्रों में समृद्धि ने जम्मू, कश्मीर और लद्दाख के निवासियों की आय के स्तर को बढ़ाया है. आज उच्चतम न्यायालय के फैसले ने साबित कर दिया है कि अनुच्छेद 370 को निरस्त करने का निर्णय पूरी तरह से संवैधानिक था.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के केंद्र सरकार के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट की ओर से मुहर लगाए जाने को हर भारतवासी को हर्षित करने वाला ‘ऐतिहासिक’ निर्णय करार दिया और सोमवार को कहा कि आज जम्मू-कश्मीर विकास के एक ‘नये युग’ में प्रवेश कर चुका है. राजनाथ सिंह ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “आज उच्चतम न्यायालय द्वारा, संविधान के अनुच्छेद 370 और 35ए को समाप्त करने के प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी के निर्णय और उस पूरी प्रक्रिया को सही ठहराया गया है। उच्चतम न्यायालय का यह ऐतिहासिक निर्णय हर भारतवासी को हर्षित करने वाला है.” उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को समाप्त करके प्रधानमंत्री मोदी ने न केवल एक नया अध्याय लिखा है बल्कि भारत की एकता और अखंडता को नई मज़बूती भी दी है. उन्होंने कहा, “आज जम्मू एवं कश्मीर विकास के एक नये युग में प्रवेश कर चुका है. मुझे पूरा विश्वास है कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में जम्मू एवं कश्मीर तथा लद्दाख का पूरा क्षेत्र विकास एवं सुशासन की दृष्टि से सिरमौर साबित होगा.”
योगी आदित्यनाथ
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त करने संबंधी केंद्र सरकार के फैसले को बरकरार रखने के सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का स्वागत किया और कहा कि यह फैसला ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ की भावना को मजबूती प्रदान करने वाला है. आदित्यनाथ ने शीर्ष अदालत के फैसले के बाद ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा अनुच्छेद 370 और 35 ए के संबंध में दिया गया निर्णय ‘अभिनंदनीय’ है. यह ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ की भावना को मजबूती प्रदान करने वाला है. ‘राष्ट्र प्रथम’ की भावना के साथ आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में जम्मू-कश्मीर को देश की मुख्यधारा से जोड़ने वाले ऐतिहासिक कार्य के लिए 25 करोड़ प्रदेश वासियों की ओर से उनका पुनः हार्दिक आभार.” उन्होंने एक और पोस्ट में लिखा, “निश्चित रूप से प्रधानमंत्री जी के यशस्वी नेतृत्व में जम्मू-कश्मीर तथा लद्दाख क्षेत्र सुशासन, विकास और समृद्धि के नए मापदंड स्थापित करेंगे। जय हिंद.”
भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूडी
सुप्रीम कोर्ट की खंड पीठ का निर्णय ऐतिहासिक है. देश की सरकार ने साल 2019 में अनुच्छेद 370 को लेकर देश को एक करने के लिए जम्मू-कश्मीर में लिया था, कोर्ट का ये निर्णय उसी क्रम में है और उसी निर्णय को एक तरीके से दोहराया है. मेरा मानना है कि सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय के बाद कोई विषय विमर्श के लिए नहीं बचा है. देश के इतिहास में यह सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक निर्णय है. देश के प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत की सरकार ने जो निर्णय लिया, उस पर सुप्रीम कोर्ट ने आज मुहर लगा दी है.
शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी
हम सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का पूरी तरह से स्वागत करते हैं. जब अनुच्छेद 370 हटाया गया था, तब भी हमने इसका स्वागत किया था, क्योंकि यह अस्थाई था. इस उस समय पंडित जवाहर लाल नेहरू ने भी यही कहा था. अब बात है कि जम्मू-कश्मीर का स्टेटहुड बहाल होगा. जल्द से जल्द चुनाव होंगे. लोगों की आवाज जल्द से जल्द विधानसभा में गूंजेगी. मैं बस इतना कहूंगी कि 370 हटाना जरूरी था. उसे हटाने के बाद सरकार ने तीन वादे किए थे- जल्द से जल्द चुनाव होंगे, कश्मीरी भाई बहन वापस लौटेंगे और आतंकी हमले खत्म होंगे. आतंकी हमले खत्म नहीं हुए हैं… भाई-बहन वापस नहीं गए हैं… अब कश्मीरी भाइयों को एक नया कश्मीरी माइग्रेंट की उपाधि देने जा रहे हैं.
आज की तारीख भारत के इतिहास में दर्ज- सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अनुच्छेद 370 पर उच्चतम न्यायालय के फैसले की प्रशंसा करते हुए कहा कि पांच अगस्त 2019 और आज की तारीख भारत के इतिहास में दर्ज हो जाएगी.
SC ने अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के सरकार के फैसले को बरकरार रखा
सुप्रीम कोर्ट ने पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के सरकार के फैसले को बरकरार रखते हुए सोमवार को कहा कि अगले साल 30 सितंबर तक विधानसभा चुनाव कराने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए. शीर्ष अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा जल्द से जल्द बहाल किया जाए. प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने अपने और न्यायमूर्ति बी आर गवई एवं न्यायमूर्ति सूर्यकांत की ओर से फैसला सुनाते हुए कहा कि संविधान का अनुच्छेद 370 एक अस्थायी प्रावधान था और राष्ट्रपति के पास इसे रद्द करने की शक्ति है. शीर्ष अदालत ने पांच अगस्त, 2019 को जम्मू-कश्मीर से केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख को अलग करने के फैसले की वैधता को भी बरकरार रखा. केंद्र सरकार ने इस दिन अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया था और पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों- जम्मू-कश्मीर एवं लद्दाख में विभाजित कर दिया था.