Gyanvapi Masjid News Today: वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर हिंदुओं को सौंपने और पूजा-पाठ की मांग के साथ ही इसमें मुस्लिम पक्ष के प्रवेश पर रोक की मांग को लेकर दायर वाद पर सुनवाई आज फास्ट ट्रैक कोर्ट में हुई। शाम चार बजे अदालत का आदेश आएगा।

वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में शिवलिंग मिलने के दावे के बाद उसमें मुस्लिमों का प्रवेश रोकने समेत अन्य मांगों लेकर दायर याचिका की सुनवाई आज पहली बार फास्ट ट्रैक कोर्ट में हुई।

फास्ट ट्रैक कोर्ट (महेंद्र कुमार पांडेय की अदालत) में इस मामले को लेकर अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी और अन्य विपक्षी हाजिर हुए। जो वाद दाखिल है उस पर आपत्ति दाखिल करने के लिए वाद की प्रति मांगी गई।  जिसे अदालत ने वादी पक्ष को उपलब्ध कराने को कहा। मामले में शाम चार बजे आदेश आएगा।

सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में दायर इस इस वाद को जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश ने फास्ट ट्रैक कोर्ट (महेंद्र कुमार पांडेय की अदालत) में ट्रांसफर किया था। माना जा रहा है कि आज का दिन इस मामले के लिए बड़ा दिन हो सकता है।

 

ये हैं वो तीन मांगें

विश्व वैदिक सनातन संघ की अंतरराष्ट्रीय महामंत्री गोंडा निवासी किरन सिंह व दो अन्य ने यह याचिका दाखिल की है। इसमें यूपी सरकार, जिलाधिकारी, पुलिस आयुक्त, अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी और विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट को पक्षकार बनाया गया है। याचिका में तीन बिंदुओं पर कोर्ट से मांग की गई है, जिसमें परिसर में मुस्लिम पक्ष का प्रवेश रोकने, ज्ञानवापी परिसर हिंदू पक्ष को सौंपने और वादी गण को ज्ञानवापी में तत्काल प्रभाव से पूजा पाठ राग भोग दर्शन शामिल है। याचिका में शिवलिंग पाए जाने के दावे के बाद अवैधानिक गुंबद को हटाकर पूजा पाठ के अधिकार की बात कही गई है।

ज्ञानवापी परिसर हिंदू पक्ष को सौंपने और वादी गण को ज्ञानवापी में तत्काल प्रभाव से पूजा-पाठ, राग भोग दर्शन की मांग की गई है। बीते मंगलवार को अदालत में अधिवक्ता मानबहादुर सिंह व अनुष्का त्रिपाठी की तरफ से कहा गया शिवलिंग पाए जाने के दावे के बाद दर्शन पूजन, राग भोग पूजा का अधिकार आवश्यक है।

विश्व वैदिक सनातन संघ के प्रमुख जितेंद्र सिंह बिसेन ने बताया कि भगवान आदि विश्वेश्वर विराजमान बनाम उत्तर प्रदेश राज्य मुकदमे के माध्यम से तीन मांग की गई है।   पहली मांग यह है कि ज्ञानवापी परिसर में तत्काल प्रभाव से मुस्लिम पक्ष का प्रवेश प्रतिबंधित हो। दूसरी, ज्ञानवापी का संपूर्ण परिसर हिंदुओं को सौंपा जाए। तीसरी, भगवान आदि विश्वेश्वर स्वयंभू ज्योतिर्लिंग जो अब सबके सामने प्रकट हो चुके हैं, उनका पूजा पाठ शुरू करने की अनुमति दी जाए।

श्रृंगार गौरी-ज्ञानवापी मामला सुनने योग्य है या नहीं, इस पर जिला जज की अदालत में आज भी बहस होगी। अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी की ओर से इस मामले को खारिज करने के पक्ष में दलीलें पूरी होने के बाद वादी पक्ष और जिला शासकीय अधिवक्ता पक्ष रखेंगे।

श्रृंगार गौरी के नियमित दर्शन और अन्य विग्रहों के संरक्षण के लिए दाखिल वाद की पोषणीयता (सुनने योग्य है या नहीं) पर अदालत में कमेटी की ओर से दलीलें पिछली तारीख (26 मई) पर जारी रही थीं। जिला जज डॉ अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में कमेटी की तरफ से अधिवक्ता अभयनाथ यादव ने दो घंटे तक दलीलें रखी थीं। समयाभाव के चलते जिला जज ने इसे जारी रखते हुए 30 मई की तिथि तय की थी।

पक्षकारों को आज दी जा सकती है सर्वे रिपोर्ट

ज्ञानवापी परिसर में सर्वे से जुड़ी वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी की कॉपी वादी और प्रतिवादी पक्ष को आज उपलब्ध करवाई जा सकती है। बीते शुक्रवार को अदालत पहुंचे दोनों पक्षों को तकनीकी कारणों से कॉपी नहीं दी जा सकी थी।  कोर्ट कमिश्नर विशाल सिंह द्वारा 19 मई को जिला जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर की अदालत में दाखिल कमीशन की रिपोर्ट, वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी साक्ष्य के रूप में जिला जज के यहां स्थानांतरित कर दिए गए हैं। वादी और प्रतिवादी पक्ष ने इन साक्ष्यों की कॉपी की मांग की है। अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी की ओर से अदालत में प्रार्थना पत्र दिया गया है कि पक्षकारों को ही कॉपी उपलब्ध करवाई जाए।

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