रायपुर. राजधानी में पोस्ट ऑफिस में एफडी कराने का झांसा देकर करोड़ों रुपए ठगी के मास्टर माइंड मृतक भूपेंद्र पांडेय ने न सिर्फ परिचितों को, बल्कि अपने रिश्तेदारों को भी ठगने में परहेज नहीं किया। उसने रायपुर, बिलासपुर समेत अन्य जिलों में 12 करोड़ रुपए से अधिक की ठगी की थी। ठगी के पैसे से ऐशो आराम के साधन से लेकर मैरिज पैलेस तक बनाया था। आरोपी दंपति ने बिलासपुर में चार आलीशान मैरिज पैलेस बनवाए थे। इससे उन्हें हर साल लाखों रुपए की आमदनी होती थी।
ठगी के समय ही उसने फरार होने का प्लान बना लिया था, इसलिए उसने ठगी के पैसे काे रायपुर में नहीं, बल्कि बिलासपुर में निवेश किया था, लेकिन उसके फरार होने से पहले ही उसका फर्जीवाड़ा फूट गया और निवेशक उससे अपने पैसे मांगने लगे। भूपेंद्र की जेल जाने की नौबत आने लगी, तो उसने बिलासपुर के उसलापुर रेलवे स्टेशन के पास ट्रेन के सामने कूदकर सुसाइड कर लिया था, लेकिन उसके गुनाहों ने मरने के बाद भी उसका पीछा नहीं छोड़ा। अब पुलिस उसके बैंक डिटेल खंगाल रही है। इधर, मृतक भूपेंद्र पांडेय और उसकी पत्नी अकांक्षा पांडेय के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज होने के बाद पीड़ितों द्वारा पुलिस से संपर्क कर ठगी का ब्योरा दिया जा रहा है।
यह है मामला
गौरतलब है, पोस्ट ऑफिस के एजेंट भूपेंद्र पांडेय और उसकी पत्नी आकांक्षा पांडेय ने सरस्वती नगर निवासी प्रदीप शर्मा और भूपेंद्र से डाकघर में एफडी कराने पर ज्यादा ब्याज मिलने का झांसा देकर लाखों रुपए लिए थे, लेकिन उनके पैसे को जमा नहीं किए थे। सरस्वतीनगर पुलिस ने आरोपी दंपति के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है।
पांच करोड़ की ठगी का मिला ब्योरा
पुलिस के मुताबिक पवन शर्मा ने 18 लाख 40 हजार, विजय लक्ष्मी शर्मा 28 लाख 70 हजार, उज्जवला शर्मा ने 28 लाख, विनीत शर्मा ने 46 लाख 90 हजार, पूनम शर्मा ने 27 लाख 90 हजार, आकांक्षा शर्मा ने 8 लाख 50 हजार, पद्मिनी सारस्वत ने 30 लाख, पूर्णा गुप्ता ने 3 लाख 90 हजार, लीमा नाग ने 40 लाख और श्यामल शर्मा ने 24 लाख जमा कराने के लिए दिए थे। अब तक पीड़ितों ने करीब 5 करोड़ रुपए से अधिक के ठगी का ब्योरा दिया है। पीड़ितों की संख्या 100 से अधिक होने का अनुमान है।
दो दशक से कर थे एजेंट का काम
पुलिस के मुताबिक रोहिणीपुरम गोल चौक डीडीनगर निवासी मृतक आरोपी भूपेंद्र पांडेय और आकांक्षा पांडेय दो दशक से पोस्ट ऑफिस में एजेंट का काम करते थे। वे दोनों पोस्ट ऑफिस की एफडी, टीडी, आडी और एमआईएस जैसी जमा स्कीमों में लुभावने सपने दिखाकर निवेश कराते थे और फर्जी पासबुक बनाकर निवेशकों को दे देते थे। मैच्यूरिटी का समय पूरा होने पर दंपति फिर से नई स्कीम में जमा करा देते थे, इसलिए इनका फर्जीवाड़ा आसानी से नहीं खुला।
पैसे लेकर देते थे फर्जी पासबुक
पुलिस के मुताबिक आरोपी दंपति साल 2015 तक निवेशकों को पैसे समय पर देते रहे, लेकिन इसके बाद से निवेशकों से पैसे लेकर पोस्ट ऑफिस की सील लगाकर निवेशकों को फर्जी पासबुक थमा देते थे। कुछ निवेशक अपनी पासबुक लेकर पोस्ट ऑफिस पहुंच गए, लेकिन वहां निवेशकों का जमा पैसे का ब्योरा नहीं था। जिन निवेशकों के अकाउंट में पैसे जमा किए गए थे, उसे आरेापी भूपेंद्र पांडेय द्वारा निकाल लिया गया था। इसके बाद निवेशक दंपति के निवास पर पहुंचकर पैसे वापस मांगने लगे।
साल 2015 में बिलासपुर हो गए थे शिफ्ट
पुलिस के मुताबिक आरोपी आकांक्षा पांडेय एक निजी डिग्री कॉलेज में अस्टिटेंट प्रोफेसर के पद पर पदस्थ थी। पैसे मांगने वालों का दबाव बढ़ा, तो साल 2015 में दंपति बिलासपुर शिफ्ट हाे गए। वहां दोनों मैरिज पैलेस का कारोबार संचालित करने लगे थे, लेकिन उनके रिश्तेदार और करीबी दोस्त उनसे अपने पैसे मांगने बिलासपुर भी पहुंचने लगे। इसके बाद 4 अप्रैल 2021 को उसलापुर में सुसाइड कर लिया था। 5 करोड़ का मिला ब्योरा मृतक भूपेंद्र पांडेय और आकांक्षा पांडेय द्वारा करीब 5 करोड़ रुपए से अधिक की ठगी का ब्योरा मिला है। उनके बैंक अकाउंट की डिटेल खंगाली जा रही है।