2161 करोड़ के चर्चित आबकारी घोटाला में पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा, बेटे हरीश कवासी और तत्कालीन ओएसडी जयंत देवांगन से ईडी ने 8 घंटे तक पूछताछ की। रात 8:15 बजे तीनों ईडी के दफ्तर से बाहर निकले। पूछताछ के दौरान ईडी ने लखमा को कई दस्तावेज दिखाए और पूछा कि यह उनके दस्तखत हैं या नहीं। इस पर लखमा ने कहा- “मैं पढ़ा-लिखा नहीं हूं। मुझे पढ़ना नहीं आता। अधिकारियों ने मुझसे जहां कहा वहां दस्तखत कर दिए।’ इसके बाद ईडी ने लखमा से पूछताछ की वीडियोग्राफी कराई है। उनके बेटे और ओएसडी से दस्तावेज को वेरिफाई कराया गया। पूछताछ के दौरान चाय, भोजन और नाश्ता भी दिया गया। इससे पहले, लखमा ईडी के समन पर शुक्रवार सुबह 11 बजे अपने बेटे हरीश और ओएसडी जयंत देवांगन के साथ पुजारी पार्क स्थित ईडी दफ्तर पहुंचे। हर दस्तावेज में हैं लखमा के हस्ताक्षर
ईडी में आबकारी घोटाला से संबंधित दस्तावेज जब्त किए हैं। इसमें सरकार की ओर से लखमा के हस्ताक्षर हैं। उनके आदेश से ही कई तरह के फैसले आबकारी विभाग में किए गए हैं। इसमें शराब नीति, टेंडर, शराब परिवहन, होलोग्राम से संबंधित आदेश शामिल हैं। सभी आदेश पर मंत्री के तौर पर उनके हस्ताक्षर हैं। बोले-पढ़ा-लिखा नहीं, अफसरों ने जहां कहा वहां किए दस्तखत सरकार के खिलाफ उठाई आवाज, इसलिए फंसा रहे
ईडी दफ्तर के बाहर कवासी ने मीडिया से बात की। उन्होंने कहा,”मैं निर्दोष हूं। गरीब आदमी हूं। हमेशा बस्तर के आदिवासियों की आवाज उठाता आया हूं। पिछले माह विधानसभा के भीतर बस्तर के आदिवासियों की आवाज उठाई। इसलिए सरकार मुझे फंसा रही है, लेकिन मैं डरने वाला नहीं हूं। आदिवासियों की आवाज उठाता रहूंगा। मुझे कानून पर पूरा भरोसा है। मेरे घर से फूटी कौड़ी नहीं मिली है। घर और गाड़ी में जो कागजात मिले हैं। वह विधानसभा से संबंधित थे। ये लोग सब कुछ कर सकते हैं पर सच को छिपा नहीं सकते।’ उन्होंने कहा कि मैं लगातार चुनाव जीतता आ रहा हूं। बीजेपी न जिला पंचायत जीत पाई, न नगर पंचायत। इसी वजह से मुझे दबाया जा रहा है। मैं राजनीतिक परिवार से नहीं हूं। मैं गाड़ी चलाता था। 25 साल से विधायक होने के बाद भी मेरे पास 6 एकड़ जमीन है। चार एकड़ सुकमा और दो एकड़ जगदलपुर में है। उसके अलावा मेरे पास कोई संपत्ति नहीं है। लखमा को हर माह 50 लाख कमीशन
ईडी की पड़ताल में खुलासा हुआ है कि लखमा को हर माह 50 लाख रुपए कमीशन मिलता था। जब्त डायरी और मोबाइल चैट में इसका खुलासा हुआ है। पैसा ओएसडी जयंत देवांगन के पास जाता था। सिंडीकेट से जुड़े लोग पूर्व मंत्री के करीबी हैं। ईडी लखमा के करीबी कांग्रेसी नेता राजू साहू, रामभुवन कुशवाहा, सुशील ओझा, तत्कालीन ओएसडी जयंत देवांगन की भी जांच कर रही है। सभी से पूछताछ की तैयारी है। जांच के घेरे में पूर्व सरकार के करीबी
ईडी ने अब तक इस मामले में तत्कालीन आबकारी सचिव अरुणपति त्रिपाठी, संयुक्त सचिव अनिल टुटेजा, कारोबारी अनवर ढेबर, नीतेश पुरोहित, त्रिलोक सिंह ढिल्लन उर्फ पप्पू और अरविंद सिंह को गिरफ्तार किया है। इस मामले में 40 से आबकारी अधिकारी, 20 से ज्यादा शराब कारोबारी और प्लेसमेंट कंपनी के मालिकों से पूछताछ की है। पहली बार इस मामले में मंत्री से पूछताछ हो रही है। पूर्व मंत्री के खिलाफ केस दर्ज ईडी के प्रतिवेदन पर ईओडब्ल्यू ने आबकारी घोटाला में पूर्व मंत्री कवासी, रिटायर आईएएस अफसर अनिल टुटेजा, निरजंन दास, आईटीएस अरुणपति त्रिपाठी, कारोबारी अनवर ढेबर समेत 71 पर केस दर्ज किया है। ईओडब्ल्यू ने 11 लोगों को गिरफ्तार किया है। हालांकि ईओडब्ल्यू अब तक किसी भी आबकारी अधिकारी की गिरफ्तारी नहीं की है। तेलंगाना में निवेश का दावा ईडी को कुछ दस्तावेज मिले है। इसमें तेलगांना के ठेकेदारी फर्म में करोड़ों रुपए निवेश का दावा किया जा रहा है, जो सड़क निर्माण और खनिज परिवार का काम करती है। इस फर्म में 200 से ज्यादा हाइवा चलता है। इस फर्म का संबंध कांग्रेसी नेता और पूर्व मंत्री के करीबी राजू साहू से बताए गए हैं। इससे हरीश का भी जुड़े होने का दावा किया जा रहा है। गिरफ्तारी की तलवार 28 दिसंबर को ईडी ने पूर्व आबकारी मंत्री लखमा, बेटे हरीश कवासी के घर छापा मारा था। इसी आधार परी ईडी ने गुरुवार को दावा किया था कि उसके पास कवासी के खिलाफ पुख्ता सबूत हैं। उन्हें ईडी गिरफ्तार कर सकती है।