लेमरू हाथी रिजर्व पर गरमा रही सियासत के बीच राज्य के करीब दर्जनभर कांग्रेस विधायकों की यह एकराय सामने आई है कि हाथी रिजर्व 1995.48 वर्ग किलोमीटर से कम कर 450 वर्ग किलोमीटर किया जाए। हाथी प्रभावित क्षेत्र सरगुजा अंचल के इन विधायकों ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र लिखकर यह आग्रह किया है। पत्र लिखने वाले विधायकों में से एक विधायक का रुख अब बदला है उनका कहना है कि प्रस्तावित योजना के अनुसार 1995 वर्ग किलोमीटर में रिजर्व बनना चाहिए। इन विधायकों ने क्षेत्र घटाने की रखी मांग
इन विधायकों ने क्षेत्र घटाने की रखी मांग
कांग्रेस के कई विधायकों ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र लिखकर लेमरू हाथी रिजर्व का क्षेत्र कम करने की मांग रखी है। इनमें विधायक चक्रधर सिंह सिदार लैलूंगा, गुलाब कमरो भरतपुर सोनहत, डॉ. विनय जायसवाल मनेंद्रगढ़, प्रीतमराम लुंड्रा, पुरुषोत्तम कंवर कटघोरा, यूडी मिंज कुनकुरी, मोहितराम कोरबा, लालजीत राठिया धर्मजयगढ़, विनय कुमार भगत जशपुर शामिल हैं।
सिंहदेव ने भी लिखा था पत्र…
सरकार के मंत्री टीएस सिंहदेव ने इस मामले में मुख्यमंत्री श्री बघेल को 25 फरवरी को लिखे पत्र में कहा था कि ग्रामवासी व क्षेत्रवासी हाथी रिजर्व प्रोजेक्ट के संबंध में चर्चा कर लंबे समय से स्थापित बसे ग्रामों को एवं बसाहटों को प्रोजेक्ट की सीमा से बाहर रखने का अनुरोध कर रहे हैंं। खास बात ये है कि श्री सिंहदेव के इस पत्र में हाथी रिजर्व का क्षेत्र कम करने का कोई उल्लेख नहीं है।
विस्थापन, आंदोलन की स्थिति न बने
लुंड्रा के कांग्रेस विधायक डॉ. प्रीतमराम ने हरिभूमि से चर्चा में कहा कि कुछ समय पहले ऐसी बातें सामने आई थीं कि क्षेत्र के ग्रामीणों को लगने लगा है हाथी रिजर्व बनने के बाद उन्हें विस्थापित होना पड़ेगा। इसी वजह से वे लोग आंदोलित होने लगे थे। इस मामले को लेकर हमारे साथी विधायकों से भी चर्चा हुई तो उन्होंने रिजर्व के क्षेत्र को कम करने की बात कही थी। मामले को लेकर हम लोग वनमंत्री से भी मिले थे उन्होंने भरोसा दिलाया था कि किसी ग्रामीण का विस्थापन नहीं होगा। रिजर्व के क्षेत्र के बारे में मुझे जानकारी नहीं है। हम लोग चाहते हैं कि ग्रामीण का विस्थापन न हो और न ही आंदोलन की स्थिति बने।
अब चाहते हैं पूरे क्षेत्र में बने
धर्मजयगढ़ के कांग्रेस विधायक लालजीत सिंह राठिया उन विधायकों में हैं जिन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर हाथी रिजर्व का क्षेत्र 450 वर्ग किलोमीटर करने की मांग की थी, लेकिन अब उनके रुख में बदलाव आ गया है। उन्होंने कहा कि पूर्व में ग्रामीणों की ओर से क्षेत्र को लेकर आपत्ति आ रही थी इसलिए हमने क्षेत्र कम करने की मांग रखी थी लेकिन अब साफ हो गया है कि किसी का विस्थापन नहीं होगा। इसलिए अब हमारी मांग है कि प्रस्तावित क्षेत्र 1995 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में यानी प्रोजेक्ट के अनुरूप रिजर्व बनना चाहिए। इस बारे में भी मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है।
मैं अपनी मांग पर कायम
लैलूंगा विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस विधायक चक्रधर सिंह सिदार ने कहा है कि उन्होंने लेमरू प्रोजेक्ट को लेकर जो मांग रखी थी उस पर कायम हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व में प्रस्तावित 450 वर्ग किलोमीटर के लेमरू हाथी रिजर्व क्षेत्र को 1545.48 वर्ग किसी बढ़ा देने से सरगुजा, सूरजपुर, कोरबा एवं रायगढ़ जिले के लिए प्रस्तावित एक दर्जन से अधिक कोल ब्लॉक प्रभावित होंगे। इन क्षेत्रों को हाथी कॉरिडोर में समाहित करने से क्षेत्र में उपलब्ध संसाधन अनुपयोगी रह जाएंगे और इस क्षेत्र में विकास ठहर जाएगा।