रायपुर में रविवार का दिन भाजपा और कांग्रेस के सियासी हंगामे के नाम रहा। कांग्रेस ने पेट्रोल और डीजल के बढ़ते दामों के विरोध में भाजपा दफ्तर का घेराव करने की कोशिश की। जवाबी हमले के तौर पर शराबबंदी का अधूरा वादा पूरा करने की मांग के साथ भाजपा युवा मोर्चा के नेता राजीव भवन के पास पहुंच गए। हंगामे के बीच दोनों ही पार्टियों के नेता पुलिस से उलझते नजर आए।

जब कांग्रेसियों ने जला दी गाड़ी
कांग्रेस के नेता स्कूटी को अर्थी पर लादकर निकले थे। उन्होंने कहा कि पेट्रोल के दामों में लगातार हो रही बढ़ोतरी की वजह से अब गाड़ियों का अंमित संस्कार करने की नौबत है। आम आदमी इस बढ़ी हुई महंगाई से परेशान है। इसलिए हम इस अर्थी को भाजपा कार्यालय पहुंचाना चाहते हैं क्योंकि केंद्र की मोदी सरकार की वजह से ही ये हालात पनपे हैं। पुलिस ने कांग्रेस नेताओं को अम्बेडकर अस्पताल के पास रोक दिया। पुलिस के साथ काफी देर तक झूमा झटकी होती रही। कुछ कार्यकर्ता बैरीकेड फांदकर भाजपा दफ्तर जाने का प्रयास करने लगे। हंगामा बढ़ गया इसी बीच कांग्रेस नेताओं ने अर्थी पर रखी स्कूटी में आग लगाकर सड़क पर ही इसका अंतिम संस्कार कर दिया। कुछ मिनट बाद पुलिस ने इस पर पानी डालकर आग बुझा दी। जिला प्रशासन के अफसरों को केंद्र सरकार के नाम ज्ञापन सौंपकर कुछ देर बाद सभी लौट गए।

इधर भाजपा वालों ने किया हंगामा
छत्तीसगढ़ में शराबबंदी का मुद्दा इन दिनों बेहद गर्म है। कांग्रेस पार्टी ने चुनाव से पहले जो वादे किए थे उन्हें याद दिलाने का काम भाजपा कर रही है। इसी सिलसिले में रविवार की दोपहर भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयूमो) के नेता निकल पड़े कांग्रेस दफ्तर का घेराव करने। पुलिस को पहले ही इस बात की जानकारी मिल चुकी थी। अभी भाजयुमो नेता निकले ही थे कि बीच रास्ते में पुलिस ने इन्हें रोक दिया। अफसरों ने कह दिया कि अब आप आगे नहीं जा सकते। ये घटना शहर के बीटीआई ग्राउंड के पास हुई। कुछ ही दूरी पर कांग्रेस का प्रदेश कार्यालय राजीव भवन है। सभी भाजयुमो नेता वहीं जाना चाह रहे थे।

भाजयुमो नेता आकाश तिवारी ने बताया पुलिस की बड़ी टीम ने बीटीआई ग्राउंड के पास ही बैरीकेड लगा रखा था। जवान भी तैनात थे। भाजपा जिला महामंत्री ओंकार बैंस, जिला उपाध्यक्ष आशु चंद्रवंशी, जिला मंत्री गोपी साहू, युवा मोर्चा के जिला अध्यक्ष गोविंदा गुप्ता के साथ पुलिस का विवाद भी हुआ। नेता आगे जाने की जिद पर थे और पुलिस इन्हें रोकने के लिए डटी हुई थी। बहस होती रही और भाजयुमो नेताओं ने बीच सड़क पर ही धरना दे दिया। काफी देर तक सरकार के खिलाफ नारेबाजी होती रही। पुलिस के बैरीकेड पर चढ़कर ही भाजपा का झंडा फहराया जाने लगा। लगभग एक से डेढ़ घंटे तक चले हंगामे के बाद नेता लौट गए।

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