चीन ने अंतरिक्ष में बड़ा कारनामा कर दिखाया है। चाइनीज एकेडमी ऑफ साइंस (सीएएस) ने अपनी रिसर्च में बताया है कि तिआनगोंग अंतरिक्ष स्टेशन पर चीनी अंतरिक्ष यात्रियों ने चावल और सब्जियां उगाई हैं।

दुनियाभर में अपने अनूठे प्रयोगों के तौर पर जाना जाने वाले चीन ने अंतरिक्ष में बड़ा कारनामा कर दिखाया है। चाइनीज एकेडमी ऑफ साइंस (सीएएस) ने अपनी रिसर्च में बताया है कि तिआनगोंग अंतरिक्ष स्टेशन पर चीनी अंतरिक्ष यात्रियों ने चावल और सब्जियां उगाई हैं। बताया गया है कि इन फसलों के पूर्ण विकसित होने में कुछ महीनों का वक्त लगेगा। इसी साल के अंत तक इन फसलों के पौधों को धरती पर लाया जाएगा।

चाइनीज एकेडमी ऑफ साइंस (सीएएस) ने जानकारी साझा करते हुए बताया कि इसी साल 29 जुलाई में दो प्रकार के पौधों के बीज जिनमें थेल क्रेस और चावल शामिल है, को प्रयोग के तौर पर उगाया गया था। इन बीजों को टेंपरेरी अंतरिक्ष स्टेशन तिआनगोंग में उगाया गया था।

पौधों में अप्रत्याशित ग्रोथ
जानकारी के अनुसार, एक महीने में ही प्रयोग में जबरदस्त सफलता मिली है। लंबे तने वाले चावल के बीज 30 सेंटीमीटर तक लंबे हो गए हैं। जबकि छोटे तने वाले चावल के दाने 5 सेंटीमीटर तक लंबे हुए हैं। सीएएस के अनुसार, थेल क्रेस, कई हरी पत्ती वाली सब्जियों जैसे रेपसीड, गोभी और ब्रसेल्स स्प्राउट्स का प्रतिनिधि नमूना है। इसमें भी काफी ग्रोथ सामने आई है।

सीएएस का प्रयोग यह समझने के लिए है कि पौधे अंतरिक्ष में कैसे व्यवहार करते हैं? सीएएस सेंटर फॉर एक्सीलेंस इन मॉलिक्यूलर प्लांट साइंसेज के एक शोधकर्ता झेंग हुईकिओंग ने एससीएपी न्यूज को बताया कि दो प्रयोग अंतरिक्ष में प्रत्येक पौधे के जीवन चक्र का विश्लेषण करेंगे और पता लगाएंगे कि पौधों को विकसित करने और उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए माइक्रोग्रैविटी वातावरण का उपयोग कैसे किया जाए?

झेंग ने कहा, “फसलों को केवल पृथ्वी जैसी परिस्थितियों की नकल करने वाले कृत्रिम वातावरण में ही उगाया जा सकता है और “पौधों के फूलों की तुलना करके, हम अंतरिक्ष और माइक्रोग्रैविटी पर्यावरण के अनुकूल अधिक फसलें पा सकते हैं।”

दिसंबर तक धरती में लाए जाएंगे पौधे
सीएएस के मुताबिक, इन पौधों में अभी काफी ग्रोथ हो चुकी है और कुछ बाकी है। जो कुछ महीनों में पूरी होने की उम्मीद है। इसके बाद इन्हें धरती में लाया जाएगा। रिपोर्ट के अनुसार, इसी साल दिसंबर तक इन फसलों के पौधों को धरती पर लाया जाएगा। चीन अपनी धरती पर इन पौधों को उगाने पर विचार कर रहा है।

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