वन विभाग को छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले में एक हथिनी का शव मिला है। वन विभाग के कर्मचारियों ने बताया कि उन्हें आशंका है कि हथिनी की मौत किसी अन्य हाथी के साथ लड़ाई में हुई है।
आज यानी 23 अक्टूबर को छत्तीसगढ़ से एक खबर आई कि कुल 13 लोगों ने मिलकर एक हाथी के बच्चे का मार डाला। मारने के बाद उन लोगों ने हाथी के बच्चे को खेत में गाड़ दिया। वन विभाग ने उन सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। इन सब के बीच एक और खबर छत्तीसगढ़ से आ रही है। वन विभाग को छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले में एक हथिनी का शव मिला है। वन विभाग के कर्मचारियों ने बताया कि उन्हें आशंका है कि हथिनी की मौत किसी अन्य हाथी के साथ लड़ाई में हुई है। प्रतापपुर के अनुमंडल अधिकारी (वन) आशुतोष भगत ने बताया कि शनिवार को प्रतापपुर वन क्षेत्र में टुकुडांड गांव के निकट एक तालाब के किनारे हथिनी का शव देखा गया। उन्होंने बताया कि पेंडारी जंगल में शुक्रवार की रात वनकर्मियों ने लगभग 35 हाथियों के झुंड के घूमने की आवाज सुनी थी।
वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि हाथियों के झुंड के बारे में जानने के लिए वन विभाग की टीम पेंडारी जंगल पहुंची। वहां वन विभाग की टीम को एक मृत अवस्था में हथिनी मिली। वन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि ‘प्रथम दृष्टया ऐसा लगता है कि समूह में अन्य हाथियों के साथ लड़ाई के बाद हथिनी की मौत हो गई। मौत के सही कारणों का पता लगाने के लिए पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है।’
बता दें कि छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले से भी एक हाथी के मौत की खबर आई थी। कुल 13 लोगों ने मिलकर एक हाथी के बच्चे मार कर उसे जमीन में गाड़ दिया था। बताया जा रहा है कि इससे नाराज हाथियों की झुंड़ ने मारने वाले के गांव पर हमला कर दिया था। एक युवक सहित कई जानवरों की जान चली गई।वन विभाग के मुताबिक, पिछले तीन सालों में हाथियों के हमले में कम से कम 210 लोगों की जान गई है। इसके अलावा पिछले चार सालों में यहां करीब 47 हाथियों की भी मौत हो चुकी है। कई हाथियों की मौत करंट लगने से भी हुई है।