महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने एक किस्सा साझा करते हुए कहा कि गुजरात में गोधरा दंगों के बाद बाल ठाकरे नरेंद्र मोदी के समर्थन में खड़े थे। ठाकरे ने कहा, ‘दंगों के बाद ‘मोदी हटाओ’ अभियान चलाया जा रहा था। तभी एलके आडवानी एक रैली करने मुंबई आए थे। उन्होंने बालासाहेब से पूछा कि क्या मोदी को हटा देना चाहिए। इसपर उन्होंने जवाब दिया कि उन्हें छूने  की भी कोशिश न करना। मोदी गया तो गुजरात गया।’

ठाकरे ने आगे कहा, आज भी हमारा मोदी के साथ कनेक्शन है, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि गठबंधन हो जाए। उद्धव का यह बयान तब आया है जब कि उनके ऊपर हिंदुत्व को लेकर सवाल खड़े किए जा रहे हैं। लाउडस्पीकर विवाद और उद्धव के घर के सामने हनुमान चालीसा पाठ के बाद एमएनएस समेत अन्य विरोधियों ने उनपर हिंदू विरोधी होने के आरोप लगाए।

एक जनसभा को संबोधित करते हुए ठाकरे ने कहा कि केंद्र सरकार एजेंसियों का गलत इस्तेमाल कर रही है। उन्होंने कहा कि सीबीआई और ईडी जैसी एजेंसियों को जल्द ही महाराष्ट्र में भी उसी तरह विरोध का सामना करना पड़ सकता है जिस तरह से पश्चिम बंगाल में करना पड़ा।

उन्होंने कहा, हर चीज की सीमा होती है। अब केंद्रीय एजेंसियां पश्चिम बंगालल जाने से डरती हैं। कहीं ऐसा न हो कि दूसरे राज्यों में भी यही हाल हो जाए। अधिकारी पीटे जाते हैं। केंद्र सरकार को इनका इस्तेमाल राजनीतिक फायदे के लिए नहीं करना चाहिए। प्रधानमंत्री पूरे देश के हैं। उन्हें देश के दुश्मनों से लड़ना चाहिए।

लाउडस्पीकर के मुद्दे पर एमएनएस को टारगेट करते हुए कहा, कुछ लोग हैं जो कि झंडा बदलते रहते हैं। पहले वे गैर मराठी लोगों पर हमला बोलते थे। अब वे गैर हिंदुओं पर अटैक कर रहे हैं।  मार्केटिंग का जमाना है। ये भी नहीं चला तो कुछ और। सुप्रीम कोर्ट ने किसी एक धर्म के बारे में आदेश नहीं दिया था। लाउडस्पीकर से संबंधित दिशानिर्देश सभी धर्मों के लिए हैं।

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