अहमदाबाद के अदाणी कॉरपोरेट हाउस में आयोजित कार्यक्रम में इस दौरान कुछ दिव्यांग लोगों ने प्रेरणादायक कहानियां साझा कीं. इस कार्यक्रम के प्रमुख वक्ताओं में अजय कुमार रेड्डी शामिल थे, जो 2016 से भारतीय पुरुष ब्लाइंड क्रिकेट टीम के कप्तान हैं.

अहमदाबाद: 

दिव्यांग व्यक्तियों के लिए अंतरराष्ट्रीय दिवस (International Day for Persons with Disabilities) हर साल 3 दिसंबर को मनाया जाता है. इस मौके पर अदाणी ग्रुप (Adani Group) ने 4 दिसंबर (सोमवार) को ग्रीन एक्स टॉक्स (Adani Green X Talks) का आयोजन किया. अहमदाबाद के अदाणी कॉरपोरेट हाउस में आयोजित कार्यक्रम में इस दौरान कुछ दिव्यांग लोगों ने प्रेरणादायक कहानियां साझा कीं.

अदाणी ग्रुप के ग्रुप फाइनेंस के वाइस चेयरमैन जीत अदाणी (Jeet Adani) ने कहा, “Green X Talks दिव्यांग व्यक्तियों की विशाल क्षमता का प्रतीक है. Green यानी हरा रंग जीवन से भरी दुनिया का प्रतिनिधित्व करता है. ये रंग विकास, आशा और अनंत संभावनाओं का प्रतीक भी है. जबकि X रहस्य का प्रतीक है. ये स्वीकृति और विकास के इंतजार में असाधारण प्रतिभा के सशक्त प्रतीक के रूप में विकसित हो रहा है. यह मानवीय भावना के लचीलेपन और इसकी चुनौतियों पर काबू पाने के मजबूत संकल्प और प्रतिकूल परिस्थितियों के जरिए से रास्ता बनाने की ताकत का प्रतिनिधित्व भी करता है.”

इस कार्यक्रम के प्रमुख वक्ताओं में अजय कुमार रेड्डी शामिल थे, जो 2016 से भारतीय पुरुष ब्लाइंड क्रिकेट टीम के कप्तान हैं. रेड्डी ने 2017 ब्लाइंड T20 वर्ल्ड कप और 2018 के ब्लाइंड क्रिकेट वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम की कप्तानी की. उनके प्रदर्शन से भारत को 2014 ब्लाइंड क्रिकेट वर्ल्ड कप खिताब सुरक्षित करने में मदद मिली. टीम ने फाइनल में पाकिस्तान के खिलाफ 300+ के मुश्किल टारगेट को चेज किया.

‘अदाणी ग्रीन एक्स’ एक अन्य वक्ता दिव्यांग राइट एक्टिविस्ट और सोशल एंटरप्रेन्योर निपुण मल्होत्रा रहे. उन्होंने बताया कि कैसे उन्होंने कड़ी मुश्किलों का सामना करते हुए दिल्ली के सेंट स्टीफंस कॉलेज में इकोनॉमिक्स में ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की. निपुण मल्होत्रा ने बाद में दिल्ली यूनिवर्सिटी से इकोनॉमिक्स में ही पोस्ट-ग्रेजुएशन की पढ़ाई की.

इस कार्यक्रम में चार पैनलिस्ट थे. उन्होंने वर्कप्लेस पर दिव्यांग लोगों के पहुंच और समावेशिता के बारे में चर्चा की. पंजाब यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर तरुण कुमार वशिष्ठ IIM-A में पहले दृष्टिबाधित पीएचडी कैंडिडेट हैं. उन्होंने अन्य मुद्दों के अलावा दिव्यांगों के संदर्भ में संगठन और सकारात्मक पहचान की खोज पर रिसर्च किया है. एक अन्य पैनलिस्ट अलीना आलम ने 2017 में मिट्टी कैफे शुरू किया था. उस वक्त वह सिर्फ 23 साल की थीं. कई बड़े एयरपोर्ट में अलीना आलम के 35 कैफे चलते हैं. इनमें करीब 400 लोग काम करते हैं. उनकी कंपनी दिव्यांगों को रोजगार दे रही है और अब तक 10 मिलियन से ज्यादा लोगों को खाना सर्व कर चुकी है.

कार्यक्रम में रश्मि पाटिल ने स्पेशल परफॉर्मेंस दिया. रश्मि पाटिल सुन नहीं सकतीं, लेकिन उन्होंने अपने जुनून और समर्पण के कारण भरतनाट्यम में डिग्री हासिल की. उन्होंने 6 साल की उम्र में भरतनाट्यम सीखना शुरू किया था. अब वो नेशनल लेवल की क्लासिकल डांसर हैं. उन्होंने ब्यूटी कॉन्टेस्ट में भी हिस्सा लिया. उन्होंने पांच साल तक ग्लोबल बिजनेस चलाया. अंकिता पटेल के परफॉर्मेंस से कार्यक्रम का समापन हुआ. दृष्टिबाधित अंकिता पटेल ने शास्त्रीय और लोकप्रिय गीतों से सबकी तारीफ बटोरी.

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